आज मकर संक्रांति पर्व है। धर्मनगरी में कोरोना संक्रमण के चलते पुलिस प्रशासन ने स्नान पर रोक लगाई है। हरकी पैड़ी क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। हरकी पैड़ी क्षेत्र को सील किया है। श्रद्धालु हरकी पैड़ी क्षेत्र पर दिखाई नहीं दे रहा है। हरकी पैड़ी पर ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा गया। हरकी पैड़ी छोड़कर दूसरे कई घाटों पर लोग स्नान कर रहे हैं।
चार जोन और आठ सेक्टरों में अधिकारी तैनात
कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन आज होने वाले मकर संक्रांति स्नान को प्रतिबंधित कर चुका है। हरकी पैड़ी और अन्य गंगा घाटों तक श्रद्धालु न पहुंच पाएं इसके लिए आधी रात बारह बजे से सभी मार्गों को सील कर दिया गया। इसके अलावा पूरे मेला क्षेत्र को चार जोन और आठ सेक्टरों में बांटकर अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।
गुरुवार को उत्तरी हरिद्वार स्थित कमलदास की कुटिया यातायात पुलिस लाइन में एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने पुलिस कर्मियों को ड्यूटी पर भेजने से पहले उनके साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि बॉर्डरों और हरकी पैड़ी क्षेत्र गंगा स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के सील रहेगा। सभी राजपत्रित अधिकारी व थाना प्रभारी अपने साथ फोटोग्राफी-वीडियो कैमरों को भी रखेंगे। जिले के बॉर्डर, हरकी पैड़ी व आसपास के घाटों पर उद्घोषणा यंत्रों से लगातार लोगों से अपील की जाएगी।
बाहरी राज्यों और जिलों से स्नान के लिए आने वालों को रोकने पुलिस जिले की सीमाओं पर गुरुवार को सख्ती बरतती रही। इसके बाद भी हजारों श्रद्धालु हरकी पैड़ी और अन्य घाटों तक पहुंच गए थे। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान और पूजन किया। शाम को पांच बजे तक कोविड नियमों की अनदेखी कर स्नान हुआ। हालांकि, पुलिस ने मकर संक्रांति पर स्नान रोकने के लिए हरकी पैड़ी क्षेत्र में बैरियर लगाकर जीरो जोन घोषित कर दिया था।
त्रिवेणी घाट पर भी सन्नाटा
ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर भी मकर संक्रांति स्नान पर्व पर सन्नाटा पसरा रहा। देवप्रयाग में मकर सक्रांति के पर्व पर पूजा स्नान करने कुछ ही लोग पहुंचे। जबकि पूर्व में मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान को सुबह ही लोग पहुंच जाते थे। हालांकि उत्तरकाशी के मणिकर्णिका घाट मकर संक्रांति के स्नान के लिए सुबह 3:00 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही।
हर रोज बढ़ रहा कोविड का प्रसार
हरिद्वार में कोविड का प्रसार हर रोज बढ़ रहा है। एक जनवरी से अब तक जिले में 2187 संक्रमित मिल चुके हैं। बीते 13 दिनों में गुरुवार को ही सर्वाधिक 429 मरीज मिले हैं। कोरोना के साये के बीच शुक्रवार को मकर संक्रांति पर्व है। हर साल मकर संक्रांति पर हरकी पैड़ी पर लाखों की भीड़ उमड़ती है। बीते साल भी कोरोनाकाल में पांच लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति से तीन दिन पहले ही स्नान पर रोक लगा दी। सोशल मीडिया और दूसरे राज्यों की पुलिस के माध्यम से वहां के श्रद्धालुओं तक हरिद्वार में गंगा स्नान प्रतिबंधित होने की जानकारी पहुंचाई।
पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की जिले की सीमाओं पर तैनाती कर दी गई। श्रद्धालुओं की वेशभूषा और उनके बताने पर ही गुरुवार को सीमा पर उनको रोका गया। मौजूदा एसओपी में बार्डर सील नहीं हैं। वैक्सीन की दो डोज लेने वाले या फिर 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट वालों को प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है। बाहरी राज्यों और जिलों से आने वाले सीमाओं पर हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून आवश्यक कार्य के लिए आने का बहाना बनाकर हरिद्वार में प्रवेश कर गए। पुलिस चेकिंग कर अपनी पीठ थपथपाती रही।
हरकी पैड़ी पर मकर संक्रांति से पूर्व गुरुवार को हजारों लोगों ने रोजाना की तरह स्नान किया। हालांकि, अन्य दिनों की तुलना में भीड़ कम थी। लेकिन सुबह से शाम पांच बजे तक स्नान करने वालों की संख्या हजारों में रही। कई लोग मकर संक्रांति स्नान के लिए पहले ही हरिद्वार पहुंचे हैं। सीसीआर टॉवर के निकट पंडित दीन दयाल पार्किंग का एक फ्लोर बाहरी लोगों के वाहनों से भर गया था।