रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश में नवगठित रोजगार मिशन ने रोजगार की संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मिशन की रविवार को पहली बैठक हुई। सीएम के निवास कार्यालय में हुई इस बैठक में उद्योगों और बाजार की मांग के अनुसार युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने का फैसला किया गया है।युवाओं प्रशिक्षण देकर विभिन्न ट्रेडों में दक्ष बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन किया जाए। इन उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने और सर्टिफिकेशन के लिए प्रदेश में स्थित उच्च तकनीकी संस्थानों का सहयोग लिया जाए।
रोजगार उपलब्ध कराने यह होगी पहल
- – जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण देकर युवाओं का किया जाए कौशल उन्न्यन।
- – बाजार की मांग के आधार पर रुरल इंडस्ट्रियल पार्क में किया जाए उत्पादन।
- – राज्य के उत्पादों के सर्टिफिकेशन और मानकीकरण के लिए आइआइटी, आइआइएम, ट्रिपल आइटी और एनआइटी से लिया जाएगा सहयोग।
- -उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार और नए उत्पादों के निर्माण के लिए दिया जाए शोध कार्यों को प्रोत्साहन।
- – स्टार्टअप के लिए बेहतर इको-सिस्टम बनाकर युवाओं को उपलब्ध कराया जाए अवसर।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि नए स्टार्टअप के लिए बेहतर इको-सिस्टम तैयार किया जाए, जिससे युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। बैठक में रोजगार मिशन के स्वरूप, कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। बैठक में राज्य में स्थित उच्च तनकीकी शिक्षण संस्थानों आइआइटी, आइआइएम, ट्रिपल आइआइटी और एनआइटी के डायरेक्टर भी मौजूद थे। बता दें कि राज्य में अगले पांच वर्षों में रोजगार के 12 से 15 लाख नए अवसरों का सृजन के लक्ष्य के साथ रोजगार मिशन का गठन किया गया है।
बैठक में मिशन के कार्यकारी अध्यक्ष व मंत्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव व मिशन के उपाध्यक्ष अमिताभ जैन, एसीएस सुब्रत साहू, सचिव अलरमेलमंगई डी., सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डा. एस. भारती दासन, अनिल टुटेजा, आइआइएम के डायरेक्टर भारत भास्कर, आइआइटी भिलाई के डायरेक्टर रजत मूना, ट्रिपल आइआइटी नवा रायपुर के डायरेक्टर प्रदीप कुमार सिन्हा, एनआइटी रायपुर के प्रोफेसर मनोज कुमार, मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया भी उपस्थित थीं।
उच्च तकनीकी संस्थाओं से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने राज्य में स्थित उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थानों के डायरेक्टरों से भी रोजगार सृजन के संबंध में सुझाव लिए। साथ ही उनसे राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पादों के सर्टिफिकेशन और मानकीकरण के लिए उधा शैक्षणिक संस्थान आगे आने की अपील की। उन्होंने इन संस्थानों से नए स्टार्टअप के साथ ही देश की प्रतिष्ठित कंपनियों को राज्य में लाने में सहयोग का आग्रह किया। इन कंपनियों के आने से प्रदेश उधा शिक्षित युवाओं के लिए राज्य में ही अच्छे अवसर निर्मित होंगे।
उद्योग की स्थापना से पहले कौशल उन्नयन
इसी प्रकार जिन क्षेत्रों में नए उद्योग लगने हैं वहां उद्योग लगने के पहले उस क्षेत्र के युवाओं का सर्वे कर उनकी शैक्षणिक योग्यता और आने वाले उद्योगों के जरुरतों के मुताबिक कौशल उन्न्यन कराया जाए। इससे स्थानीय युवाओं को इन उद्योगों में रोजगार मिल सके। बघेल ने कहा कि जिन क्षेत्रों में नए उद्योग लगने हैंृ उन क्षेत्रों में युवाओं का सर्वे कलेक्टरों के माध्यम से किया जाएगा।
गोठनों के लिए शहरी बाजारों का सर्वे
मुख्यमंत्री ने अफसरों को शहरी क्षेत्रों के बाजारों का सर्वे कराने के निर्देश दिए है। इस जरिये यह जाना जाएगा कि वहां किन उत्पादों की अच्छी खपत है। इस सर्वे के आधार पर ऐसे उत्पादों का गोठानों में विकसित हो रहे रुरल इंडकस्ट्रयल पार्क में उत्पादन कराया जाए। दुकानों से आर्डर लेकर सप्लाई की जाए। इस कार्य में स्थानीय लोगों को जोड़ा जाए।
पोर्टल फिर से सक्रिय करने के निर्देश
बघेल ने कहा कि प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ईगिरी जैसे अन्य काम करने वाले लोगों को आसानी से रोजगार मिल सके इसके लिए पूर्व में तैयार किए गए पोर्टल को फिर सक्रिय किया जाए। शहरी क्षेत्र में इन कार्यों की बड़ी मांग है। लोगों को इन कामों के लिए लोग नहीं मिलते हैं।