रायपुर : रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा की आशंका सहीं निकली। जिस सूखे नशे पर उन्होंने चिंता जताई थी, उसी सूखे नशे का नेटवर्क देश के चार प्रमुख राज्यों से जुड़ा निकल गया। ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ से अब तक कुल नौ सप्लायर पकड़े गए हैं। इन आरोपितों की गिरफ्तारी से ये भी स्पष्ट हो रहा है कि सारा खेल मेडिकल स्टोर से संचालित हो रहा है। बढ़ते अपराधों की समीक्षा के बाद आईजी ने 17 फरवरी को नारकोटिक्स सेल का गठन किया था। हालांकि ऐसी कोई बड़ी सफलता इस टीम को नहीं मिली है पर इनके कारण एक सप्लाई चेन अवश्य बाधित हुई है।
इस तरह जुड़ती गई कड़ियां
रायपुर के राजातालाब क्षेत्र से तौकीर अहमद उर्फ बबलू, शेख महबूब और रवि नारायण दीप को सबसे पहले पकड़ा गया। इनसे 15 किलो 500 ग्राम गांजा, 240 ग्राम चरस, 2400 प्रतिबंधित नशीली टेबलेट जब्त किए
गए।
इन आरोपियों से पूछताछ के बाद ओडिशा के तापस कुमार परीदा और समीर कुमार बरद के नाम सामने आए। रायपुर पुलिस ने इन्हें ओडिशा जाकर पकड़ा। इनके पास से आठ हजार नग नशीली टेबलेट, 3,100 प्रतिबंधित नशीले इंजेक्शन जब्त हुए। इसमें तापस मेडिकल स्टोर चलाता था। बाद में उसने मेडिकल स्टोर बंद कर इन सब सामाग्रियों की सप्लाई शुरू कर दी।
महासमुंद से निलेश शर्मा को 10 किलो गांजा के साथ पकड़ाया। निलेश की कडियां नंबर दो स्थान पर पकड़े गए समीर से जुड़ीं। सबसे अलग-अलग पूछताछ कर तथ्यों की जांच की गई।
इनसे मिली जानकारी के आधार पर पश्चिम बंगाल निवासी अर्णब मजूमदार को ओडिशा से गिरफ्तार किया गया। मजूमदार निलेश और समीर को गांजा सहित नशे की अन्य सामाग्रियां सप्लाई करता था।
नंबर चार पर पकड़ाया मजूमदार भी पूछताछ में टूट गया। उससे मिली जानकारी के आधार पर कमलेश उर्फ अमर यादव और सागर कुमार मोदी को पकड़कर रायपुर लाया गया। कमलेश यादव गया (बिहार) का और सागर मोदी बंगाल का रहने वाला है। पुलिस कहती है कि नंबर-5 पर पकड़ा गया सागर मोदी ही मुख्य तस्कर है।
बड़े सप्लायरों को पकड़ा गया
नारकोटिक्स सेल ने नशे के बड़े सप्लायरों को पकड़ा है। आगे जो भी तस्करों के नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।