जबलपुर: आमतौर पर बरसात के मौसम में नागरिकों को त्रस्त करने वाली मच्छरों की फौज ने मार्च में ही हमला कर दिया है। हालत यह है कि जिलेभर में नागरिक मच्छरों के डंक से परेशान हो रहे हैं। हालांकि मच्छरजन्य रोगों से पीडि़त मरीजों की संख्या अभी कम है परंतु जिस तरह से मच्छरों का हमला बढ़ा है उससे लोग भयभीत हो रहे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी व लाकडाउन के कारण ज्यादातर लोग घरों में थे। सफाई व्यवस्था बेहतर होने के कारण मच्छराें का खतरा कम हुआ था। परंतु 2021 में हालात पहले जैसे बन गए थे। जिले भर में सैकड़ों लोग डेंगू की चपेट में आए थे। 2022 में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। बढ़ते खतरे के बीच नगर निगम की फागिंग मशीनें बंद पड़ी हैं।
2018 में मिले थे सर्वाधिक मरीज : वर्ष 2015 से 2021 के बीच मच्छरजन्य बीमारियों के सर्वाधिक मरीज 2018 में मिले थे। इस दौरान चिकनगुनिया व डेंगू ने सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे। सरकारी आंकड़ों में डेंगू के 825 तथा चिकनगुनिया के एक हजार 543 मरीज दर्ज किए गए थे। हालांकि 2018 के बाद मलेरिया का खतरा लगातार घटता गया। 2018 में मलेरिया के 230 मरीज मिले थे जिसके बाद साल दर साल इनकी संख्या में कमी आती गई। 2021 में डेंगू ने पलटवार किया था
मच्छरों से बवाव सबसे कारगर उपाय : चिकित्सकों का कहना है कि मच्छरों से बचाव डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया से बचाव का सबसे कारगर उपाय है। लोग घरों के खिड़की व दरवाजों में जालियां लगवाकर मच्छरों का प्रवेश रोक सकते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी डा. आरके पहारिया ने बताया कि गत वर्ष विभाग द्वारा घर-घर सर्वे अभियान चलाया गया था। हजारों घरों में मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा मिले थे। नागरिकों को मच्छरों से बचाव व रोकथाम के लिए सतर्क रहना चाहिए।
डेंगू- डेंगू बीमारी एडीज मच्छरों के काटने से होती है। तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में दर्द, जी मचलाना, उल्टी होना, नाक तथा मसूढ़ों से रक्तस्त्राव इसके प्रमुख लक्षण हैं।
मलेरिया- मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से मलेरिया का खतरा बढ़ता है। इस बीमारी में बुखार, शरीर में दर्द, कंपकपी होना, पसीना आना, उल्टी जैसे शारीरिक लक्षण सामने आते हैं। मलेरिया दो तरह का होता है, फैल्सीफेरम व विवैक्स। फैल्सीफेरम में अत्यधिक ठंड लगने के साथ सिर दर्द बना रहता है। विवैक्स में कमर दर्द, हाथ पैर में दर्द, भूख न लगना व तेज बुखार के लक्षण सामने आते हैं।
चिकनगुनिया- यह बीमारी भी एडीज मच्छरों के काटने से होती है। ये मच्छर सामान्य तौर पर दिन में हमला करते हैं। बुखार, मांसपेशियों व हडि़डयों में दर्द, सिरदर्द, थकान, शरीर पर चकत्ते होना इसके मुख्य लक्षण हैं। आखाें की बीमारी, ह्दय व न्यूरो संबंधी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
बाेलते आंकड़े :
वर्ष मलेरिया डेंगू चिकनगुनिया
2015 374 41 5
2016 374 17 10
2017 316 130 81
2018 230 825 1543
2019 94 393 239
2020 35 39 34
2021 21 781 102