रायगढ़ । गरीबी से परेशान एक महिला ने अपनी अजन्मी बेटी का सौदा जबलपुर निवासी एक दंपति से 80 हजार रुपये में कर लिया। गांव की ही एक महिला की मध्यस्थता में हुए सौदै की शर्त थी कि बेटी होने पर ही दंपति उसे अपने साथ ले जाएगी। समय पर महिला को प्रसव हुआ और बेटी पैदा हुई। सौदा के अनुसार महिला ने जबलपुर की दम्पति को अपनी बेटी सौप दिया। कोख की सौदे का यह मामला गुरूवार को थाना पहुंच गया। घटना के छह साल बाद महिला ने पुलिस से अपनी बेटी को वापस दिलाने की मांग की है।
चक्रधर नगर पुलिस के अनुसार थाना क्षेत्र निवासी महिला के तीन बच्चे हैं। महिला के अनुसार जब वह चौथे बार गर्भवती थी उसकी मुलाकात मीता नामक महिला से हुई। उसने खुद को जबलपुर का निवासी बताया था। मीता ने महिला की आर्थिक स्थिति की जानकारी होने पर उससे गर्भस्थ शिशु के सौदे का प्रस्ताव एक अन्य महिला के माध्यम से किया। महिला दूसरों के घरों में काम कर अपने बच्चों का पालन पोषण करती हैं। उसके साथ उसके दो बेटे और एक बेटी रहती है। आर्थिक संकट झेल रही महिला को मीता ने आश्वासन दिया कि वह जबलपुर में उसकी बेटी का बेहतर परवरिश करेंगे। महिला के बेटी को जन्मदेने पर मीता ने सौदा के अनुसार उसे 80 हजार रुपये थमाया और एक सप्ताह बाद उसकी नवजात बेटी को लेकर चली गई। महिला ने बेटी के सौदे से मिली राशि को खर्च कर दिया। यह पूरा मामला महज तीन लोगों तक सिमित रहा।
कुछ दिन पहले महिला का किसी बात को लेकर पड़ोसी से विवाद हो गया और बेटी को 80 हजार में बेचने की कहानी सामने आई गई। मानवता को शर्मशार करने वाली इस सौदे की शिकायत कुछ लोगों ने गुरुवार देर शाम चक्रधर नगर थाने में की। दूसरी अगर महिला भी अपनी बेटी को वापस दिलाये की मांग पुलिस से करने लगी। चक्रधर नगर पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।