अदालत के आदेश पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे का काम आज दोपहर तीन बजे से होगा। परिसर स्थित श्रृंगार गौरी और देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे का मस्जिद कमेटी से जुड़े पक्षकारों ने विरोध दर्ज कराया था। विरोध दर्ज कराने वालों को सद्बुद्धि प्रदान करने और विघ्न-बाधा दूर करने के लिए सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में यज्ञ किया गया।
आदिगुरु शंकराचार्य जयंती के अवसर पर काशी के सुमेरु पीठ में दंडी स्वामी और सन्यासियों ने हवन-पूजन किया। कामना की गई कि ज्ञानवापी परिसर में शांतिपूर्वक वीडियोग्राफी और किसी प्रकार का कोई विघ्न ना हो। काशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी परिसर स्थित वीडियोग्राफी और सर्वे की कार्रवाई को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है।
गोदौलिया, चौक क्षेत्र और मैदागिन में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई। सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस की पैनी नजर है। यही नहीं किसी भी प्रकार से कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वालों को सख्ती से निबटने का प्लान बनाया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर ज्ञानवापी परिसर के रास्ते पर होर्डिंग लगाया गया है। सर्वे और वीडियोग्राफी से पहले ज्ञानवापी परिसर ढकने की कवायद की जा रही है।
दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे और वीडियोग्राफी
श्रृंगार गौरी और देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे में एकत्र किए गए सबूतों को सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा। सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने यह आदेश पुलिस आयुक्त को दिया है।
सिविल जज सीडी रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने वादिनी राखी सिंह व पांच अन्य के मामले में ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी व अन्य देव विग्रहों के वीडियोग्राफी और सर्वे के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट मांगी है। वाद में नियमित दर्शन पूजन की मांग की गई है। इस दौरान कोर्ट का आदेश है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे और वीडियोग्राफी हो।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव की बिगड़ी तबीयत
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएस यासीन की तबीयत बिगड़ने की खबर है। एसएस यासीन ने कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को घुसने नहीं देंगे। उनके इस बयान पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा था कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार नहीं हो रहा है।
1937 में बनारस के तत्कालीन सिविल जज एस बी सिंह ने एक नहीं बल्कि दो बार मस्जिद परिसर और आसपास का स्वयं निरीक्षण किया था। पहली बार संबंधित मुकदमे की सुनवाई से पहले और दूसरा निरीक्षण फैसला सुनाने के पूर्व किया गया था।
उसी मुकदमे में अंग्रेजी सरकार ने दो विशेषज्ञों इतिहासकार डॉ परमात्मा सरन और इतिहासकार डॉ ए एस अल्टेकर को अदालत में गवाह के तौर पर प्रस्तुत किया था। इन दोनों ने भी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर, मस्जिद के नीचे स्थित तहखाने और पश्चिमी दीवार में प्राचीन मन्दिर के भग्नावशेषों का विस्तार से सर्वेक्षण और अध्ययन किया था। इस दौरान हरिहर पांडेय, गोविंद शर्मा मौजूद रहे।