दी बनारस बार एसोसिएशन और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील आज हड़ताल पर हैं। इस कारण ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में आज होने वाले दो प्रमुख प्रार्थना पत्रों की सुनवाई में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। दरअसल, विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल द्वारा सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में अधिवक्ताओं के लिए अराजक शब्द प्रयोग पर अधिवक्ताओं में नाराजगी है।
विशेष सचिव के विरोध में बुधवार को वकीलों ने डीएम पोर्टिको पर प्रदर्शन किया। विशेष सचिव के पत्र की प्रति को जलाया। इस मामले में वकील कार्रवाई की मांग शासन से कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अन्यथा की स्थिति में 20 मई को प्रदेश के सभी जिलों में प्रदर्शन करेंगे।
दो बजे से होनी है ज्ञानवापी मामले की सुनवाई
वकीलों के हड़ताल का प्रभाव ज्ञानवापी मामले की सुनवाई पर कितना पड़ता है यह सवाल सभी के सामने है। हड़ताल का हवाला देते हुए वादी व प्रतिवादी में से कोई भी पक्ष सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होता है तो इसके लिए अगली तिथि तय की जा सकती है। दोनों पक्ष बार से अनुमति लेकर सुनवाई में शामिल भी हो सकते हैं। वादी और प्रतिवादी पक्ष कोर्ट पहुंच चुका है। सब अपनी-अपनी तैयारी कर रहे हैं। अदालत में सुनवाई दो बजे से होनी है।
ज्ञानवापी मामले पर पूरे देश की निगाहें
इधर, हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी लिख कर कहा है कि ज्ञानवापी मामले पर पूरे देश की निगाहें हैं। इस मामले की सुनवाई में शामिल होने छूट देने की मांग की है।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कहा आज वकीलों की हड़ताल है। हम बनारस बार एसोसिएशन के साथ हैं। ऐसे में ज्ञानवापी मामले में आज आपत्ति नहीं दाखिल करेंगे। जब कोर्ट अगली तारीख तय करेगी तब आपत्ति करेंगे। अभी अदालत ने तारीख नहीं दी है। इधर, डीजीसी सिविल के मुताबिक दो बजे मामले की सुनवाई का समय है। अगर तीनों पक्ष मौजूद रहेंगे तभी तय हो पाएगा कि आज सुनवाई होगी या नहीं।
वादी पक्ष की तीन प्रमुख मांगें
वादी पक्ष की रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू की ओर से मंगलवार को न्यायालय में आवेदन दिया गया कि शिवलिंग की जगह पर दर्शन-पूजन के साथ ही वजू स्थल पर मिले शिवलिंग के नीचे और नंदी महराज के सामने तहखाने के उत्तरी और पूरब की चुनी हुई दीवारों को तोड़कर सर्वे करवाया जाए। परिसर में कई स्थानों पर रखे बांस, बल्ली, ईंट व बालू का मलबा हटवाकर भी सर्वे करवाने की मांग की गई है।
वजू खाने के नीचे की दीवार तोड़ने की मांग
वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मंगलवार को कोर्ट ने अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्रा को उनके पद से हटाया। इसका कारण ये है कि उन्होंने प्राइवेट कैमरामैन हायर किया था और सर्वे की सारे बातें लीक की। हमने कोर्ट में आवेदन दिया कि हमें वजू खाने के नीचे जो दीवार उसे तोड़कर जाने की इजाजत दी जाए।