भोपाल: जिला पंचायत, नगर पालिका और परिषद के अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए जा रहे हैं। जिला पंचायत के अध्यक्ष पद का आरक्षण की प्रक्रिया राजधानी भोपाल के जल प्रबंधन संस्थान वाल्मी में शुरू हो चुकी है। पंचायती राज विभाग के संचालक आलोक कुमार सिंह आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कराएंगे। इसके बाद चुनाव को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। बता दें कि 2014-15 के चुनाव में ओबीसी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के 13 पद आरक्षित थे। पचास प्रतिशत के दायरे में आरक्षण रखने के कारण इनकी संख्या कम होगी। आरक्षित सीटों का निर्धारण होने के बाद भाजपा और कांग्रेस चुनाव को लेकर अपनी कार्ययोजना को अंतिम रूप देंगी।
वाल्मी में चल रही जिला पंचायत के अध्यक्ष पद की प्रक्रिया के दौरान यह जानकारी सामने आई कि झाबुआ, आलीराजपुर, मंडला, डिंडौरी, बड़वानी की जिला पंचायत में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित रहेगा। अनुसूचित जाति के लिए आठ जिला पंचायत अध्यक्ष के पद आरक्षित हुए। इनमें ग्वालियर, खंडवा, छिंदवाड़ा, इंदौर, सिवनी, कटनी, रतलाम और देवास हैं। ग्वालियर, रतलाम, इंदौर और देवास अनुसूचित जाति वर्ग की महिला के लिए हुई आरक्षित। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 4 पद आरक्षित होंगे। लाट निकालकर किया आरक्षण।
यहां पर यह बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत के लिए पंच, सरपंच, जिला और जनपद पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। नगरीय निकायों में वार्ड आरक्षण भी हो गया है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण होना है। कांग्रेस के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि आरक्षण होने के बाद चुनाव की तस्वीर साफ हो जाएगी। इसके आधार पर ही तैयारी होगी। प्रत्याशी चयन के लिए जिला स्तरीय समितियां गठित की जा चुकी हैं। वहीं, भाजपा ने भी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए समितियां गठित कर दी हैं। पर्यवेक्षकों के जिले में दौर हो चुके हैं।