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Flood in UP: पहाड़ों के पानी के तेवर देख सहमे लोग, गंगा के गुस्से ने सबको डराया, सड़कों पर चली नाव

सार

बारिश का पानी इस बार कई लोगों के लिए मुसीबत लेकर आया है। पहाड़ों के साथ-साथ यह मैदानी इलाकों में भी लोगों के डर का कारण बना हुआ है। गंगा और यमुना नदी जिस तरह से अपने तेवर दिखा रही हैं उससे आस-पास के इलाके में दहशत है और कई गांवों का पलायन शुरु हो गया है। लोगों को डर है कि अगर जलस्तर और बढ़ता है तो यह उनके लिए मुसीबत बन सकता है।

नदी से कटान को रोकने का प्रयास करते लोग

नदी से कटान को रोकने का प्रयास करते लोग 

विस्तार

बाढ़ की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें तैयारी में लगी हुई हैं। टीम के सदस्य इन इलाकों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। कई जिलों के प्रशासन, सिंचाई समेत अन्य विभागों के अफसरों एवं कर्मचारियों की टीम भी निचले इलाकों पर लगातार नजर रख रही है। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के इलाकों का क्या है हाल…

प्रयागराज के कछारी इलाके में बढ़ा बाढ़ का खतरा

गंगा-यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी की वजह से तट के किनारे बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सड़कें डूब जाने से उनका संपर्क टूट गया है। प्रयागराज के कछारी इलाके में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही तो आज तक इन बस्तियों में पानी घुसने का अंदेशा बन गया है।

गंगा और यमुना नदी के जलस्तर में बृहस्पतिवार शाम से तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई जो शुक्रवार दिन में भी जारी रही। शाम को इसमें कमी आई लेकिन खतरा बना हुआ है। बदरा सोनौटी के करीब एक दर्जन गांव बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। इसकी वजह से इन गांव के लोगों का अन्य स्थानों से संपर्क टूट गया है।  

कानपुर के कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

कानपुर के दातागंज और सहसवान तहसील के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है। तटबंधों पर दबाव बढ़ने और कटान तेज होने के कारण हालात संवेदनशील हो गए हैं। गंगा में नरौरा से 81336, बिजनौर से 48110 और हरिद्वार से 57634 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस बीच मीटर गेज पर गंगा का जलस्तर 162.52 मीटर दर्ज किया गया। मीटर गेज पर खतरे का निशान 162 मीटर पर है।

जलस्तर बढ़ने के कारण सहसवान के तटवर्ती वीर सहाय नगला, बसौलिया, तौफी नगला, परशुराम नगला, खागी नगला में बाढ़ का पानी घुस गया। दातागंज तहसील के अहमदनगर बछौरा, असमया रफतपुर, जटा, रैपुरा, कमलैयापुर को भी बाढ़ के पानी ने घेर लिया है। तटवर्ती इलाकों में तेजी से कटान भी हो रहा है। उसावां, उसहैत और गंगा-महावा तटबंधों पर दबाव बढ़ने के साथ कटान भी शुरू हो गया है। 

बनारस में गंगा का रौद्र रूप

भोलेनाथ की नगरी वाराणसी में भी गंगा नदी रौद्र रूप दिखा रही हैं। हालत यह हो गई है कि गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से एक मीटर नीचे बह रहा है। जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण वरुणा में पलट प्रवाह शुरू हो गया है। बाढ़ की आशंका में वरुणा पार इलाकों में लोग पलायन करते दिखे। इधर, शवदाह में परेशानियां शुरू हो गई हैं। हरिश्चंद्र घाट पर जहां गलियों में शवदाह हो रहा है वहीं मणिकर्णिका घाट पर छतों पर शवदाह किया जा रहा है।

जगह कम होने के कारण अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ताजा स्थिति को देखते हुए पुलिस-प्रशान अलर्ट मोड में है। घाट के किनारों पर एनडीआरएफ ने नजर बना रखी है। नौका के बाद क्रूज के संचालन पर 21 अगस्त तक रोक लगा दी गई है। 

गंगा नदी में बाढ़ से क्रूज संचालन पर रोक

गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए क्रूज संचालन पर 21 अगस्त तक रोक लगा दी गई है। 22 अगस्त को जलस्तर और स्थिति का अध्ययन करने के बाद संचालन पर फैसला किया जाएगा।

क्रूज संचालन करने वाली संस्था के निदेशक विकास मालवीय ने बताया कि तेज बहाव और पर्यटकों की सुरक्षा को देख 19 से 21 अगस्त तक संचालन पर रोक लगाई है। क्रूज की बुकिंग पर भी रोक लगा दी गई है।