बहू की हत्या के आरोप में जेल जा चुके बसपा के पूर्व सांसद (राज्यसभा) नरेन्द्र कश्यप को भाजपा ने स्टार प्रचारक बनाया है। कश्यप इसी महीने 11 तारीख को पार्टी में शामिल हुए हैं।
सूची में कई दलबदलुओं को भी भाजपा ने प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है। जिनमें एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य हैं तो दूसरी तरफ अनजान से चेहरे बसपा के पूर्व एमएलसी लोकेश प्रजापति का नाम भी उल्लेखनीय है।
पर, लालकृष्ण आडवाणी, डॉ . मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह और वरुण गांधी जैसे चेहरे इस सूची में जगह नहीं पा सके।
पूर्व प्रदेश अध्यक्षों में डॉ. रमापति राम त्रिपाठी, सूर्यप्रताप शाही, डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी जगह नहीं मिली है।
ऐसा लगता है कि स्टार प्रचारक तय करने में भी भाजपा ने उनकी जन छवि से ज्यादा जाति का ख्याल रखा है। सूची में 40 प्रचारकों में 15 अति पिछड़ी जातियों से हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस सूची में जगह दी गई है, लेकिन छत्तीसगढ़ और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को बाहर रखा गया है।
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सूची में शामिल हैं पर, इसकी वजह उनके मुख्यमंत्री होने के बजाय बड़ा क्षत्रिय चेहरा होना लग रहा है।