पार्षद ने खरीदा था चोरी का बच्चा –
मथुरा रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी के मामले में एसओजी के साथ-साथ जीआरपी की टीम गहनता से जांच करने में जुटी है। हाथरस के डॉक्टर दंपती का मामला सामने आने के बाद पुलिस अब यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि मानव तस्करी गिरोह ने कहां-कहां बच्चे दिए हैं। इसके लिए हर बिंदु पर जांच की जा रही है। यदि एक दो वर्ष पहले भी किसी ने बच्चा लिया है तो उसकी भी पड़ताल की जा रही है। उधर, जीआरपी ने कई जिलों में दबिश देकर संदिग्धों को उठाकर पूछताछ की है।
रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी होने की घटना के बाद जीआरपी और एसओजी मथुरा की टीम ने बच्चा चोरी गैंग का खुलासा किया है। उससे हर कोई हैरान रह गया। पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में गिरोह ने 15 बच्चों को बेचने की बात स्वीकार की है। पुलिस पड़ताल कर रही है कि यह बच्चे कहां-कहां दिए गए। इसके लिए हाथरस के चिकित्सक दंपती और नर्स से गहनता से पूछताछ की गई। इसमें जो तथ्य निकलकर सामने आए हैं, उसके आधार पर टीम फिरोजाबाद शहर में जांच पड़ताल करने जा सकती है।
सीसीटीवी फुटेज से हुई थी आरोपी की पहचान –
इससे पहले 23 अगस्त की रात मथुरा रेलवे स्टेशन से सात माह का बच्चा चोरी हुआ था। जीआरपी ने बच्चे को बरामद कर मानव तस्करी गिरोह का खुलासा किया। गिरोह में शामिल हाथरस के डॉक्टर दंपती समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। चोरी किया गया बच्चा फिरोजाबाद की पार्षद ने खरीदा था। उन्हें भी जेल भेजा गया है।विज्ञापन
कृष्ण मुरारी अग्रवाल और विनीता अग्रवाल –
भाजपा हाईकमान ने चोरी का बच्चा खरीदने वाली पार्षद विनीता अग्रवाल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, जबकि उनके पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल एडवोकेट भी भाजपा के नेता हैं। उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। चर्चा है कि भाजपा की किरकिरी कराने वाले पार्षद पति के खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई क्यों नहीं की। भाजपा महानगर अध्यक्ष राकेश शंखवार ने कहा कि पार्षद के खिलाफ पार्टी हाईकमान ने कार्रवाई की है।
घटना का खुलासा करते एसपी जीआरपी मोहम्मद मुश्ताक –
मानव तस्करी में शामिल गिरोह को लेकर पुलिस और जानकारी जुटा रही है। मथुरा पुलिस के अलावा अब हाथरस पुलिस भी इसे लेकर सक्रिय हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इसमें जुटे हैं। वहीं अंदरखाने स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारियों में इस गिरोह के पर्दाफाश होने के बाद खलबली मची हुई है। आरोपी चिकित्सक दंपती का स्वास्थ्य विभाग रिकॉर्ड खंगाल रहा है।विज्ञापन
बच्चे को गोद में लिए एसपी जीआरपी –
मानव तस्करी गिरोह के अन्य सदस्यों के चेहरों को बेनकाब करने के लिए विशेष जांच दल गठित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इस गिरोह में 150 से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं। यह सब वही लोग हैं, जो कि गिरोह में शामिल लोगों के साथ मिलकर काम करते थे। जीआरपी को इनकी जानकारी अभियुक्तों से पूछताछ के अलावा मोबाइल और लैपटॉप आदि से मिली है।