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बरती गई सख्ती तो पहुंची 210 बसें

शासन स्तर से सख्ती बरती जाने के बाद फिटनेस की जांच के लिए शनिवार को 210 स्कूली बसें आरटीओ दफ्तर पहुंची। इसके अलावा सघन चेकिंग अभियान चलाकर छह बसों समेत दस वाहनों को सीज कर 70 हजार रुपये का जुर्माना वसूला गया।school_1485028851
 
एटा में स्कूली बस हादसा होने के बाद शासन स्कूल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ शासन बहुत सख्त हो गया है। नतीजतन स्कूलों की बसों की जांच-पड़ताल के लिए रविवार को भी आरटीओ दफ्तर खोलकर कार्रवाई का निर्देश दिया। इस कड़ी में शनिवार को एक-एक कर 210 स्कूली बसें आरटीओ दफ्तर पहुंची, जिनका भौतिक सत्यापन करने के बाद उन्हें लौटा दिया गया।

इसके अलावा चेकिंग अभियान चला करके 37 बसों का चालान किया गया और छह बस, दो व्यावसायिक वैन व दो निजी वैन को सीज कर दिया गया। आरटीओ (प्रवर्तन) राकेश सिंह ने बताया कि सीज और चालान करने की कार्रवाई उन्हीं वाहनोें के खिलाफ की गई है, जिसके चालक फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं दिखा सके। उनके पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस मिला न ही विभाग में टैक्स जमा के कागजात ही थे।

जाम से घिरा रहा आरटीओ दफ्तर
स्कूली बसों के पहुंचने से आरटीओ परिसर समेत आसपास की सड़क पर जाम लगा रहा। करीब एक किलोमीटर तक आरटीओ रोड पर कार, मोटरसाइकिल, रिक्शा, बसों की लंबी कतारें लगी रहीं। जानकारी मिलने आरटीओ (प्रवर्तन) राकेश सिंह अपने चैंबर से बाहर आए और एआरटीओ समेत अन्य कर्मचारियों जाम खुलवाने में लगाया। घंटे भर की मशक्कत के बाद जाम खुल सका। बाद में बड़ी बसों को आरटीओ दफ्तर परिसर में आने से मना कर दिया गया और उन्हें बाहर ही खड़ा रखने को कहा गया। 

आज भी होगी फिटनेस की जांच
सघन चेकिंग अभियान के साथ ही रविवार को भी आरटीओ दफ्तर खुला रहेगा और स्कूली वाहनों की जांच की जाएगी। आरटीओ राकेश सिंह ने बताया कि शनिवार को स्कूली वाहनों का भौतिक सत्यापन किया गया। वाहनों में जो कमियां थीं। उसे दूर कर लाने को कहा गया। इसके अलावा स्कूल और प्रधानाचार्य का नाम और टेलीफोन नंबर लिखे हुए फाइल को जमा कराया गया है। फाइल में रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, फिटनेस, बीमा और प्रदूषण संबंधी प्रमाण पत्र को संलग्न कराया गया है। इसकी जांच की जा रही है।

हो गई जांच वरना हो जाता बड़ा हादसा

गनीमत समझिए एटा जैसा बस हादसा यहां नहीं हुआ, नहीं तो सहजनवां के एक स्कूली बस की हालत ऐसी है कि उसकी स्टेयरिंग कभी भी फेल हो सकती है। इसके बाद भी इस बस से बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर तक पहुंचाया जा रहा था। शनिवार को बस चालक फिटनेस टेस्ट कराने पहुंचा पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। अधिकारियों ने यह कर उसे लौटा दिया कि पहले स्टेयरिंग सही कराओ, तब फिटनेस सर्टिफिकेट लेने आना। शनिवार को सहजनवां के एक स्कूल की तीन बसें फिटनेस के लिए आरटीओ दफ्तर पहुंची थीं। इनमें से दिल्ली के नंबर की एक बस की दशा अत्यंत ही खराब थी। आरटीओ दफ्तर के तकनीकी स्टाफ ने जब जांच की तो पाया स्टेयरिंग बहुत खराब हालत में थी। यह कभी भी फेल हो सकती थी। बस में कई जगह से आवाजें भी आ रही थीं। इस पर तकनीकी स्टाफ ने स्टेयरिंग तुरंत ठीक कराकर दोबारा लाने को कहा। साथ ही हिदायत दी कि अगर इस बस पर बच्चों को बैठाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ (प्रवर्तन) राकेश सिंह ने बताया कि इसी स्कूल की दो और बसें भी आईं थीं, जिसकी बॉडी बहुत खराब थी। इसलिए उसे भी सही कराकर वापस लाने को कहा गया है।