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लखनऊ विश्वविद्यालय: बीबीए, एमबीए व पत्रकारिता के कोर्स ऑनलाइन भी चलेंगे

सार

लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही कई ऑनलाइन कोर्स शुरू करने जा रहा है। इसके लिए तैयारियां पूरी की जा रही हैं। इन कोर्सों में प्रवेश के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय।

लखनऊ विश्वविद्यालय।

विस्तार

लखनऊ विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद (नैक) में ए प्लस प्लस ग्रेडिंग मिलने के बाद ऑनलाइन कोर्स शुरू करने के लिए भी अर्हता मिल गई है। विवि प्रशासन जल्द ही बीबीए, एमबीए, जर्नलिज्म आदि कोर्सों को ऑनलाइन शुरू करने जा रहा है। इसके लिए जरूरी कवायद पूरी की जा रही है।

विश्वविद्यालय में नए सत्र 2022-23 के लिए स्नातक व परास्नातक कोर्सों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। इसी क्रम में विवि प्रशासन की ओर से ऑनलाइन कोर्स शुरू करने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विवि इसकी शुरुआत उन प्रोफेशनल कोर्सों से करने जा रहा है, जिनमें प्रवेश के लिए काफी आवेदन आते हैं।

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि ए प्लस प्लस ग्रेडिंग मिलने के बाद विवि ऑनलाइन कोर्स चलाने के लिए अर्ह है। अब इसके लिए उसे किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। इस क्रम में हमने यूजीसी की वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है। अब अन्य आवश्यक प्रक्रियाएं की जा रही हैं। इसके बाद हम ऑनलाइन कोर्स शुरू करेंगे। इसमें विशेष फोकस उन पर कोर्सों पर होगा, जिनकी डिमांड ज्यादा है और बाजार में योग्य विद्यार्थियों की जरूरत है।

बीबीए में 300 सीट, 4087 आवेदन
लविवि में बीबीए की 300 सीटें हैं जिसके सापेक्ष 4087 आवेदन आए हैं। हालांकि, प्रवेश परीक्षा में 2628 विद्यार्थी शामिल हुए। फिर भी यह आंकड़ा सीटों के सापेक्ष आठ गुना से ज्यादा है। इसी तरह एमबीए-एमटीटीएम की 720 सीटों के सापेक्ष 2319 आवेदन आए हैं। इसी तरह कई अन्य कोर्सों में भी सीटों के सापेक्ष काफी आवेदन हैं और उनकी ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा सकती है। विवि इन कोर्सों के लिए कंटेंट व नियम तैयार कर रहा है।

बाजार की जरूरत पर करेंगे फोकस
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि हम बाजार की जरूरत और विद्यार्थियों की मांग के अनुसार ऑनलाइन कोर्स शुरू करेंगे, ताकि दोनों की जरूरत पूरी हो। इससे विवि की आय भी बढ़ेगी। काफी विद्यार्थी लविवि से पढ़ाई करना चाहते हैं, लेकिन सीटें सीमित होने से उनको मौका नहीं मिल पाता है। ऑनलाइन कोर्स में यह बाध्यता नहीं होगी। क्वालिटी ऑफ एजुकेशन से समझौता नहीं किया जाएगा।