गाजे बाजे से साथ 91 वर्षीय दिग्गज कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी का पार्टी में प्रवेश की बीते तीन महीने से तैयारी कर रही भाजपा ने अचानक उनसे मुंह मोड़ लिया है। कभी पार्टी ने आगे बढ़ कर तिवारी के पुत्र रोहित शेखर को हलद्वानी से चुनाव लड़ाने की पेशकश की थी। मगर बदली परिस्थितियों में न सिर्फ उन्हें टिकट नहीं दिया गया, बल्कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के तत्काल बाद ही उनसे पल्ला भी झाड़ लिया गया।
गौरतलब है कि तिवारी ने अपनी पत्नी और पुत्र के साथ इसी हफ्ते शाह से मुलाकात कर भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नेतृत्व को इस बात का अंदाजा नहीं था कि तिवारी के मामले में आलोचनाओं का तूफान खड़ा हो जाएगा। जिस प्रकार मीडिया और सोशल मीडिया में तिवारी से जुड़े कारनामे एकाएक सामने आने लगे, उससे नेतृत्व चिंतित हो गया।
चूंकि उत्तराखंड में पार्टी करीब डेढ़ दर्जन बाहरी नेताओं को उम्मीदवार बना कर पहले से नाराजगी झेल रही थी, ऐसे में रोहित को टिकट दे कर पार्टी इस विवाद को बढ़ाना नहीं चाहती थी। यही कारण है कि रोहित को चुनाव प्रचार करने और चुनाव के बाद उनके बारे में सोचने का प्रस्ताव दिया गया। हालांकि रोहित की ओर से अब तक इस प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं आया है।