यहां जानें क्या होता है बैतूल रावन दहन परम्परा?
देशभर में विजयदशमी पर्व के दिन रावण दहन की प्राचीन परम्परा को विधि-विधान से पूरा किया जाता है। यह मान्यता भी प्रचलित है कि इस रावण दहन के बाद रावण की अस्थियों को घर लाने से सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
देशभर में 5 अक्टूबर 2022 को विजयदशमी पर बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में बुराई का प्रतीक माने जाने वाले रावण का पुतला दहन किया जाएगा। किवदंतियों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम ने अधर्म पर धर्म का परचम लहराते हुए रावण का वध किया था। इस दिन लोग भगवान श्री राम के साथ-साथ और मां दुर्गा की भी पूजा करते हैं। इस दिन नवरात्र महापर्व का समापन हो जाता है।कई जगह यह देखा गया है कि रावण दहन के बाद जली हुई लकड़ियों को घर लाने की लोगों में होड़ मची रहती है। मान्यताओं के अनुसार इसे बहुत ही शुभ फल प्राप्त होते हैं। माना यह भी जाता है कि रावण की अस्थियां अर्थात जली हुई लकड़ियों को घर में रखने से कई प्रकार के दुख-दुविधा दूर हो जाती है। आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे छुपा तर्क। साथ ही क्या रावन दहन की जली हुई लकड़ियां घर लाना है शुभ या अशुभ।