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धनतेरस पर ऐसे भी कर सकते है आप गोल्ड में निवेश, जानिए कैसे

दिवाली (Diwali 2022) का त्योहार अब नजदीक है। लेकिन उससे पहले लोग धनतेरस (Dhanteras 2022) की तैयारियों में जुट गए हैं। धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। यही वजह है कि लोग धनतेरस के दिन गोल्ड (Dhanteras 2022 Gold Price) की जमकर खरीदारी करते हैं। पहले के समय में सोना सिर्फ फिजिकल (ज्वैलरी, सिक्का आदि) रूप में ही मिलता था। लेकिन समय के साथ गोल्ड (Gold Price Today) खरीदने के नए-नए विकल्प आ गए हैं। अब आप एक रुपये में भी सोना खरीद सकते हैं। आइए जानते हैं की इस धनतेरस आपके पास गोल्ड (Types of Gold) के किन-किन विकल्पों में निवेश कर सकेंगे। फिजिकल गोल्ड (ज्वैलरी, सिक्का) के फायदे? सबसे पहले हमारे पुरखों के समय से मौजूद विकल्प पर चर्चा कर लेते हैं। हम बात कर रहे हैं फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) की। कोई भी व्यक्ति इस धनतेरस (Dhanteras 2022 Dates), सिक्कों या फिर ज्वैलरी जैसे मौजूद फिजिकल गोल्ड (Gold Price) के विकल्पों में निवेश कर सकता है। लेकिन जब भी इस तरह का सोना खरीदें तो शुद्धता का जरूर ध्यान रखें। क्योंकि हल्की सी चूक आपका लाखों का नुकसान करवा सकती है। ध्यान रहे कि अगर आप इस धनतेरस ज्वैलरी खरीद रहे हैं तो 22 कैरट गोल्ड का विकल्प बेहतर रहेगा। क्योंकि यह काफी ठोस रहता है। वहीं, सोने का सिक्का अगर इस धनतेरस पर खरीद रहे हैं तो 24 कैरेट गोल्ड (24k Gold price) का विकल्प चुन सकते हैं। बता दें, फिजिकल गोल्ड में कस्टम ड्यूटी 15 प्रतिशत, जीएसटी 3 प्रतिशत और मेकिंग चार्ज 5 प्रतिशत का भुगतान करना पड़ता है। डिजिटल गोल्ड के फायदे?  यह डिजिटल का युग है। ऐसे में अब गोल्ड भी डिजिटल रूप में खरीद सकते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि कोई भी व्यक्ति 1 रुपये में भी डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) खरीद सकता है। निवेशक फोन पे, गूगल पे जैसे मौजूद विकल्पों के जरिए ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड खरीद सकते हैं। इसमें उतने पैसे का गोल्ड निवेशक के वॉलेट में जुड़ जाता है। हालांकि फिजिकल गोल्ड की तुलना में यह सस्ता होता है क्योंकि यहां मेकिंग चार्ज और कस्टम ड्यूटी का भुगतान नहीं करना होता है। बता दें, डिजिटल गोल्ड के साथ एक मात्र चुनौती थर्ड पार्टी सिस्टम है। क्योंकि हम डिजिटल गोल्ड (Digital Gold Price) जिस प्लेटफॉर्म के जरिए खरीदते हैं उसका भी हस्ताक्षेप पूरी प्रक्रिया में रहता है। गोल्ड ईटीएफ के क्या हैं फायदे? शेयर मार्केट (Stock Market) में निवेश करने वाले व्यक्ति अगर इस धनतेरस (2022 dhanteras date) गोल्ड खरीदने का प्लान अगर बना रहे हैं तो ऐसे लोगों के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक शानदार विकल्प है। ईटीएफ यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, जैसा की नाम स्पष्ट से है कि यहां पूरा मामला ट्रेडिंग (Trading) का है। ऐसे में जब बाजार ओपन रहेगा तो कब कोई निवेशक गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है,और इसी दौरान इसे बेच भी सकता है। शुद्धता यहा 99.5 या उससे ऊपर रहती है। एक ईटीएफ का मतलब एक ग्राम सोना होता है। निवेशक को यहां जीएसटी, मेकिंग चार्ज और कस्टम ड्यूटी नहीं देना होता है। लेकिन ब्रोकिंग चार्ज का भुगतान करना पड़ेगा। यहां समस्या बस इस बात की है कि ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरी है। गोल्ड फंड्स के फायदे? यह एक तरह का म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) होता है। इसके लिए निवेशक को किसी प्रकार के डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है। यानी अगर आप ऐसे डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं जो पूरी तरह से शेयर मार्केट पर निर्भर रहे तो गोल्ड फंड्स(Gold Finds) एक बेहतर विकल्पर रहेगा। यहां कस्टम ड्यूटी, मेकिंग चार्ज और जीएसटी नहीं लगता है। बता दें, गोल्ड फंड्स, गोल्ड ईटीएफ में ही निवेश करते हैं। यानी एक तरह से आप इसके जरिए गोल्ड ईटीएफ में ही पैसा लगा रहे हैं। लेकिन यह गोल्ड ईटीएफ की तुलना में महंगा होता है। सरकार भी बेचती है सोना  अगर आपको ये सभी तरीके पसंद नहीं हैं तो सरकार से भी सोना खरीद सकते हैं। सरकार साल में कई बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) नाम से किस्त जारी करती है। इसमें निवेशक को फिजिटकल गोल्ड की जगह सरकार की तरफ से सिक्योरिटी जारी की जाती है। सलर शब्दों में कहें तो डिजिटल गोल्ड जिसमें सोने के ग्राम के हिसाब से सरकार गारंटी के रूप में एक कागज देती है। सरकार सालाना निवेशक 2.50 प्रतिशत का ब्याज देती है। इसमें मैच्योरिटी के वक्त सरकार सोने की मौजूदा कीमत के अलावा निवेशक को ब्याज का भुगतान भी करती है। अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करता है तो उसे प्रति ग्राम पर 50 रुपये की छूट भी मिलती है। यहां निवेशक को मेकिंग, जीएसटी, कस्टम ड्यूटी जैसा कोई चार्ज नहीं देना होता है। लेकिन एक निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में तभी पैसा लगा सकता है जब सरकार की तरफ से किस्त जारी की जाएगी। इस साल आखिरी बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की किस्त जून में जारी की गई थी।