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जानें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान में अपने भाषण में क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान के मानगढ़ में 1913 में ब्रिटिश सेना द्वारा मारे गए आदिवासी सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने बांसवाड़ा जिले के मानगढ़ धाम में भील आदिवासियों और अन्य जनजातियों के सदस्यों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भविष्य आदिवासी समाज के बिना पूरा नहीं होता है। आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में हम सभी का मानगढ़ धाम आना सुखद है। मानगढ़ धाम जनजातीय वीर-वीरांगनाओं के तप, त्याग, तपस्या और दे​श​भक्ति का प्रतिबिंब है। यह राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की साझी विरासत है। आदिवासी समुदाय के बलिदान को याद किया  पीएम मोदी ने कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ में जो नरसंहार हुआ वह अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता की पराकाष्ठा थी। दुनिया को गुलाम बनाने की सोच के साथ अंग्रेजी हुकूमत ने मानगढ़ की इस पहाड़ी पर 1500 से ज्यादा लोगों को घेरकर के उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन दुर्भाग्य से आदिवासी समाज के इस बलिदान को इतिहास में जो जगह मिलनी चाहिए वह नहीं मिली। आज वह कमी पूरी की जा रही है। भारत की परंपराओं और आदर्शों के प्रतिनिधि गोविंद गुरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी किसी रियासत के राजा नहीं वरन लाखों आदिवासियों के नायक थे। आदिवासी समाज की सेवा के लिए कर रहे काम  गोविंद गुरू ने आजादी की लड़ाई में अपना परिवार खो दिया लेकिन हौसला कभी नहीं खोया। देश के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का हर पन्ना आदिवासी वीरता से भरा पड़ा है। गोविंद गुरु का वह चिंतन, वो बोध, आज भी उनकी धुनी के रूप में, मानगढ़ धाम में अखंड रूप से प्रदीप्त हो रहा है। उनकी सम्प सभा के आदर्श, आज भी एकजुटता, प्रेम और भाईचारा की प्रेरणा दे रहे हैं। देश में आदिवासी समाज की भूमिका इतनी बड़ी है कि हमें उसके लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। आज देश आदिवासी समाज की सेवा के लिए स्पष्ट नीति के साथ काम कर रहा है।