तमिलनाडु वानीगर संगम और तमिलनाडु ट्रेडर्स फेडरेशन ने कहा है कि दोनों कंपनियां राज्य में मौजूद जल निकायों का दोहन कर रही हैं और सूखे के बावजूद इन दोनों कंपनियों ने इसको जारी रखा है। इन दोनों संगठनों से करीब 15 लाख व्यापारी जुडे़ हुए हैं। यह 15 लाख व्यापारी प्रदेश में फैले छोटे-छोटे 6 हजार से अधिक संगठनों से जुडे़ हैं।
पेप्सीको के कोल्डड्रिंक ब्रांड पेप्सी का राज्य में 60 फीसदी शेयर है। कोक-पेप्सी के राज्य में पांच प्लांट हैं, जहां से पूरे राज्य में इनकी बिक्री होती है। दोनों कंपनियां स्थानीय स्तर पर काफी पैसा खर्च करती हैं। पेप्सी ने तमिल फिल्मों के सुपरस्टार धनुष को अपना ब्रांड अंबेसडर भी बना रखा है।
कंपनियों ने जताई फैसले पर आपत्ति
इंडियन ब्रीवरेज एसोसिएशन ने दोनों कंपनियों की तरफ से व्यापारी संगठनों द्वारा लिए गए इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। एसोसिएशन ने कहा कि बिक्री बैन करना या नहीं करने का फैसला केवल राज्य सरकार ले सकती है। इस फैसले से देश की छवि और इकनॉमी दोनों पर असर पड़ेगा।
केंद्र लगा सकता है अतिरिक्त टैक्स
केंद्र सरकार भी 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में इन कंपनियों पर फैट टैक्स लगा सकती है। इससे भी कंपनियों की सेल्स पर असर पड़ने की संभावना है। फिलहाल दोनों कंपनियों का ग्रोथ रेट भी सिंगल डिजिट में हो रहा है। इससे इनकी बिक्री पर असर पड़ेगा। दोनों कंपनियां देश में 14000 करोड़ रुपये का व्यापार करती हैं।