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बलिया :अब भी लोगों को बैंक और एटीएम से नहीं मिल रहा कैश

नोटबंदी के बाद उपजी कैश की किल्लत अब लाइलाज बीमारी बनती जा रही है। बलिया के स्टेट बैक कैशलेश  हो चुका है  शनिवार को बैंक बंद होने से नगर के एटीएम पर सैकड़ों लोग कैश निकालने के लिए लम्बी कतारों में लगे थे।

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कहने को तो नगर में दो दर्जन से अधिक विभिन्न बैंकों के एटीएम हैं, लेकिन कैश के लिए दो -तीन बैंक के एटीएम ही सुचारू रूप से सेवाएं दे रहे हैं। आजकल अधिकतर लोग अपने पुत्र व पुत्रियों की शादी ठंडे मौसम यानि दिसम्बर व जनवरी-फरवरी में करना चाह रहे हैं। इसलिए उनको कैश की आवश्यकता है। सरकार की स्वाइप व पेटीएम योजना अभी तक छोटे गांवों व कस्बों तक नहीं पहुंच पायी है। खरीदारी करने के लिए उन्हें रुपयों की जरूरत है। घंटों लाइन में लगने के बाद भी जरुरत भर रुपये नहीं मिल पा रहे हैं, जिससे उनकी जरूरत के हिसाब से खरीदारी न हो पाने से आक्रोश गहराता जा रहा है। लोगों का कहना है कि आखिर वह इस झंझावात से कम निजात पायेंगे। बैंक में पैसा अपने आवश्यक कार्यों के लिए ही तो रखे गये थे, हमें क्या पता था कि उनकी सबसे बड़ी जरूरत के समय ही यह काम नहीं आयेगा। व्यवस्था को कोसते हुए लोग अपने घरों को जा रहे थे।