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केजरीवाल के दांव से क्‍या ‘आप’ के साथ आएंगे पंजाब के दलित?

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नई दिल्‍ली। दिल्‍ली पर सियासी कब्‍जा करने के बाद अब आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की नजर पंजाब के विधानसभा चुनाव पर है। पंजाब में अब तक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ही एक दूसरे की सरकारें रिपीट करते रहे हैं, लेकिन इस बार वहां पर तीसरे और बड़े खिलाड़ी के रूप में केजरीवाल ने दस्‍तक दी है। उन्‍होंने दलितों और किसानों पर फोकस किया हुआ है। यहां तक कि अपनी सरकार बनने पर दलित उप मुख्‍यमंत्री बनाने का एलान कर दिया है। इसके पीछे उनकी क्‍या रणनीति है, इसी पर चर्चा तेज है।

पंजाब सरकार के रिकार्ड के मुताबिक इस कृषि प्रधान राज्‍य में 31.94 फीसदी दलित हैं। यह वोट किसी का भी खेल बना और बिगाड़ सकता है, इसीलिए केजरीवाल ने दलितों पर डिप्‍टी सीएम का दांव चला है। चुनाव आयोग का रिकार्ड देखें तो मायावती पिछले पांच चुनावों से लगातार यहां अपने प्रत्‍याशी उतार रही हैं। क्‍योंकि उन्‍हें वहां बड़ी संभावना नजर आती है। हालांकि कभी भी पार्टी सरकार बनाने की स्‍थिति में नहीं आई। राम विलास पासवान की लोक जनशक्‍ति पार्टी भी दलितों को लुभाने के लिए यहां किस्‍मत आजमा चुकी है, लेकिन उसे एक फीसदी वोट भी नहीं मिले।

Palace of Assembly in Chandigarh at sunset. India

बसपा ने 1992 में अपने 105 प्रत्‍याशी उतारे जिसमें से उसके 9 विधायक बन गए। 1997 के विधानसभा चुनाव में उनका एक विधायक रह गया और उसके बाद खाता भी खुलना बंद हो गया, लेकिन वोट प्रतिशत चार फीसदी से कम नहीं हुआ। जानकार बताते हैं पंजाब में दलितों का वोट कांग्रेस और बसपा को जाता रहा है। लेकिन अब इस पर बड़ा दांव अरविंद केजरीवाल ने चल दिया है। लेकिन क्‍या केजरीवाल दलितों को लुभाने में कामयाब होंगे।punjab-bsp

डीएवी कॉलेज जालंधर में पॉलिटिकल साइंस के प्रोफेसर दिनेश अरोड़ा कहते हैं कि आम आदमी पार्टी को अनुमान था कि दलित वोट उनकी ओर शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए इन वोटरों को लुभाने के लिए केजरीवाल ने अपना सबसे बड़ा दांव चला है। निश्‍चित तौर पर इससे काफी वोट केजरीवाल के पक्ष में जाएंगे। क्‍योंकि किसी और पार्टी ने कोई ऐसा वादा नहीं किया है।

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भाजपा की भी है इस वोट बैंक पर नजर

भाजपा ने होशियारपुर के सांसद विजय सांपला को इसीलिए केंद्रीय सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बनाया ताकि भविष्‍य में दलित वोट बैंक पर पकड़ बनाई जाए। सांपला को पार्टी ने पंजाब ईकाई का अध्यक्ष भी बना दिया। माना जा रहा है कि सांपला को अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने राज्य मे दलित कार्ड खेला है। हालांकि, भाजपा को दलित वोट बहुत कम मिलते रहे हैं।