नई दिल्ली: भारती एयरटेल और रिलायंस जियो एक बार फिर आमने-सामने हैं। इस बार एयरटेल ने कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) के पास रिलायंस जियो इन्फोकॉम के खिलाफ काउंटर कंप्लेंट फाइल की है।
इस शिकायत में एयरटेल ने जियो पर ‘दबदबे के दुरुपयोग’ और ‘प्रीडेटरी प्राइसिंग’ का आरोप लगाया है। एयरटेल ने अपनी शिकायत में कहा है कि जियो अपने दबदबे का इस्तेमाल करके प्रतिस्पर्धा को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। जियो ने 1.60 लाख करोड़ से अधिक रकम टेलिकॉम बिजनेस में लगाई है। वह सिर्फ स्पेक्ट्रम पर 47,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। जियो ने 5 सितंबर 2016 से कमर्शल लॉन्च के बाद 31 दिसंबर 2016 तक उसने 7.25 करोड़ कस्टमर्स हासिल कर लिए थे।
कंपनी ने कहा है, ‘जियो अपने यूजर्स को जो फ्री सर्विस दे रहा है, वह साफ तौर पर प्रीडेटरी प्राइसिंग का मामला बनता है। यह कॉम्पिटीशन ऐक्ट के सेक्शन 4 के मुताबिक नहीं है।’ जब लागत से कम कीमत पर कोई सामान बेचा जाता है या सर्विस दी जाती है तो उसे प्रीडेटरी प्राइसिंग कहते हैं। एयरटेल ने यह भी कहा है कि जियो मोनोपॉली यानी एकाधिकार कायम करना चाहता है।
एयरटेल के मुताबिक, ‘जियो बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के बाद सर्विस महंगी करेगा। वह उस समय वॉयस कॉल के लिए यूजर को चार्ज कर सकता है क्योंकि तब कॉम्पिटीशन कम रह जाएगा और ग्राहकों के पास बहुत कम टेलिकॉम कंपनियों में किसी एक की सर्विस चुनने का ऑप्शन होगा।’ एयरटेल, वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर की जियो से जंग चल रही है। कहा जा रहा है कि यह कंप्लेन इस लड़ाई में अगला वार है।