नोटबंदी के बाद सामने आए प्रदेश के 16 हजार से अधिक करोड़पतियों को आयकर विभाग ने अपने रडार पर ले लिया है। बैकों की कतार में जब लोग दस-बीस हजार या लाख-दो लाख रुपये के पुराने नोट जमा करने के लिए खड़े थे, तब इन्होंने अपने बैक खातों में एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत के पुराने नोट गुपचुप जमा करा दिए थे। अब आयकर के पास इन बैक खातों की सूची पहुंच चुकी है। इनमें से कुछ को स्पष्टीकरण व पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा चुका है, जबकि बाकी को भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
पिछले साल नवंबर में नोटबंदी के बाद लोगों के पास पुराने नोट खपाने के लिए बैकों के अलावा कोई वैधानिक रास्ता नहीं बचा था। हालांकि कुछ ने पुराने नोटों को बाजार में चलाने के रास्ते निकालने की कोशिश की, लेकिन काले धन को सोने के गहनों से लेकर संपत्ति और महंगी कारों में बदलने की कोशिश में वे पकड़े भी गए। दूसरी तरफ जिन्होंने बैकों में रकम जमा की, उनमें ढाई लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा करने वालों की संख्या प्रदेश में लाखों में है। आयकर के लिए इन सभी लोगों को बुलाकर पूछताछ करना संभव नहीं है, इसलिए ऐसे खाताधारकों से ऑनलाइन स्पष्टीकरण लेने की तकनीक विकसित की गई है, जबकि ज्यादा रकम जमा करने वालों को सीधे निशाने पर लेने की तैयारी है।
आयकर के उप निदेशक जांच जयनाथ वर्मा ने बताया कि फिलहाल एक करोड़ से ज्यादा रकम जमा करने वालों की सूची बनाई गई है। इन लोगों को नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण के लिए तलब किया जा रहा है। हालांकि आयकर विभाग अभी यह वर्गीकरण कर रहा है कि एक करोड़ से ज्यादा रकम जमा करने वाले 16 हजार बैंक खातों में कितने व्यक्तिगत खाते हैं और कितने खाते फर्म या संस्थाओं के नाम पर हैं।