20 नवंबर 2016 की भोर में कानपुर के निकट पुखरायां-मलासा रेलवे स्टेशन के बीच पटरी काटकर इंदौर-पटना (राजेंद्रनगर) एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रचने वाले शमशुल होदा को नेपाल में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब तक मुख्य आरोपी माने जा रहे आरोपी की नेपाल में गिरफ्तारी से कानपुर रेलवे और जीआरपी सतर्क हैं। हादसे के मास्टर मास्टर माइंड शमशुल के अलावा उसके साथी मोजागिर अंसारी, आशीष सिंह और उमेश कुर्मी को भी काठमांडू के समीप बारा में गिरफ्तार किया गया है। इन सभी पर पुखरायां समेत अन्य स्थानों पर रेल हादसों की साजिश में शामिल होने की बात बताई जा रही है। अब भारतीय सुरक्षा एजेंसी एनआइए, रा और आइबी की टीम उनसे पूछताछ कर रहीं हैं।
कानपुर देहात के पुखरायां-मलासा स्टेशन के बीच पिछले वर्ष इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के अचानक पटरी से उतर जाने के बाद 152 यात्रियों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे। तब जांच के बाद यह बात सामने आई थी कि रेल को पलटाने की साजिश रची गई है, तभी से जांच एजेंसियां मास्टर माइंड की तलाश में जुटी हुईं थीं। हादसे के मुख्य साजिशकर्ता शमशुल होदा को दुबई से नेपाल आने पर यहां काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया है। नेपाल के पुलिस उपमहानिरीक्षक पशुपति उपाध्याय ने हमारे महराजगंज संवाददाता को बताया कि रेल हादसे में शमशुल होदा वांछित था। उन्होंने कहा कि होदा के तार नेपाल में कहां-कहां जुड़े हैं, इसका पता लगाने के लिए जांच एजेंसियां जुट गईं हैं। शमशुल आइएसआइ का नेपाल में इंचार्ज है। जांच एजेंसियों को पूछताछ में पता चला है कि होदा कई वर्षों से नेपाल में रहकर अपना नेटवर्क बढ़ा रहा था। उसने बताया कि आइएसआइ के कहने पर ही आठ लाख रुपये देकर रेल हादसे को अंजाम दिया गया था।
आंतकी कनेक्शन से रेलवे को चैन
कानपुर के पुखरायां रेल हादसे के अब तक मुख्य आरोपी माने जा रहे शमशुल होदा की नेपाल में गिरफ्तारी के बाद रेलवे व जीआरपी भी सतर्क हो गई हैं। आज जैसे ही यह सूचना कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची अधिकारियों में इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। दरअसल हादसे का आतंकी कनेक्शन मिलने के बाद से रेलवे काफी राहत महसूस कर रहा है। शुरुआती दौर में रेलवे के अफसरों की ही इस मामले में लापरवाही को लेकर जान फंस रही थी। रेलवे ने शुरुआती जांच में पांच अफसरों को निलंबित कर दिया था और सीआरएस द्वारा जांच शुरू की गयी। अभी जांच चल ही रही थी कि रूरा हादसा व मंधना में पटरी काटे जाने के बाद से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसी बीच रेलवे हादसे को आतंकी कनेक्शन से जोड़ दिया गया तो अफसरों ने राहत की सांस ली। काठमांडू में होदा की गिरफ्तारी के बाद बदले समीकरण को देखते हुए रेलवे के अफसरों की नजर अब रेल मंत्रालय की गतिविधियों पर लगी रही।
रेल हादसे की जांच में जुटी कई एजेंसियां
रेल हादसे में शमशुल होदा और नक्सली गठबंधन की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जांच अपने हाथ में ली। इसके पीछे कानपुर में नक्सली और आतंकी गतिविधियों का पुराना नाता होना है, लेकिन अभी तक कोई जांच एजेंसी हादसा और आंतकी साजिश पर एक राय नहीं बना सकी है। कानपुर के आसपास रेलवे पटरी की घटनाओं में एनआइए के सक्रिय होने के बाद एटीएस, सीबीआइ और स्थानीय पुलिस सहायक की भूमिका में आ गई, लेकिन अभी तक यह साबित नहीं हो सका कि यह आतंकी साजिश थी। मोतिहारी में पकड़े गए मोती ने जिस मंधना में रेल पटरी काटने और पेंड्रॉल क्लिप खोलने की घटना को कुबूल नहीं किया, उसमें आतंकी साजिश होने के सुबूत एनआइए और एटीएस के साथ सीबीआइ को जांच में भी मिले हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। पुखरायां रेल हादसे की जांच एनआइए, रूरा की एटीएस तो मंधना व शुक्लागंज की जांच आरपीएफ और स्थानीय पुलिस कर रही है। पुखरायां व रूरा में सीआरएस की जांच भी हो रही है। अचानक मोती की रिकार्डिंग में एक घटना में रेल पटरी काटने और क्लिप खोलने की बात सामने आने के बाद जांच एजेंसी सक्रिय हुई और मंधना में जांच पड़ताल शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक पुखरायां में जांच कर रही एटीएस ने अब केवल अपने इनपुट जांच टेकओवर करने वाली एजेंसी एनआइए को दे रही है। हालांकि मंधना में सीबीआइ की टीम ने भी पड़ताल की, लेकिन उसकी क्या भूमिका है कोई बताने वाला नहीं।
कानपुर में गिरफ्तार नक्सली व आतंकियों पर नजर
एनआइए की टीम शहर में एटीएस व पुलिस रिकार्ड में दर्ज आतंकी व नक्सली गतिविधियों की नजर रखे हुए है। शहर में सिमी (स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ता हिजबुल, जमातउद्दावा और इंडियन मुजाहिदीन के लिए स्लीपिंग माड्यूल्स की तरह काम करने और आतंकी संगठनों से जुड़े पकड़े गए बाबूपुरवा निवासी आईएसआई एजेंट इकरामुद्दीन, मुन्ना पाकिस्तानी और एजाज के अलावा एटीएस द्वारा बिठूर से वकास अहमद और सचेंडी से इम्तियाज की गिरफ्तारी देशभर की जांच एजेंसी की नजर है। दूसरी तरफ नौबस्ता व किदवईनगर में फरवरी 2010 में पकड़े गए माओवादी वंशीधर उर्फ चिंतक, कृपाशंकर, राजेंद्र दास, दीपक राम, नवीन, शिवराज, बच्चा प्रसाद, और बलराज की गिरफ्तारी के चलते आतंकी व नक्सली गठजोड़ पर नजर है, क्योकि पिछले दिनों शहर में भारी मात्रा में डेटोनेटर व उसके साथ पकड़े गए लोगों के विषय में माती जेल से पता कर रही है।