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भियांव ब्लॉक में मिले साढ़े तीन हजार कुपोषित बच्चे

malnutrition-child_1465066590कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों की पहचान के लिए भियांव ब्लाक में चला रहा बच्चों के वजन का चार दिनी विशेष अभियान मंगलवार को संपन्न हुआ। इस दौरान कुल 237 आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभियान चला। इन केंद्रों पर पंजीकृत कुल 29 हजार 987 बच्चों के सापेक्ष कुल 26 हजार 422 बच्चों का वजन हुआ।
 
इसमें 2 हजार 475 बच्चे अतिकुपोषित व 3 हजार 555 कुपोषित बच्चे पाए गए। अतिकुपोषित बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। 

भियांव ब्लॉक में कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों का चिह्नित करने के लिए चार दिनी वजन अभियान सहायक जिला वाणिज्यकर अधिकारी बिपिन कुमार के नेतृत्व में चला। मंगलवार को संपन्न हुए अभियान के बीच ब्लाक स्थित 237 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत 29 हजार 987 बच्चों के सापेक्ष 26 हजार 422 बच्चों का वजन किया गया।

अधिशाषी अधिकारी लोकनिर्माण यातेंद्र कुमार, जिला विकलांग कल्याण अधिकारी भूपेंद्र सिंह, जिला उद्यान अधिकारी संजय रस्तोगी तथा डॉ. वीके त्रिपाठी की अलग अलग टीमों द्वारा किए गए वजन में 2 हजार 475 अतिकुपोषित व 3 हजार 555 कुपोषित बच्चे पाए गए।

कार्यक्रम प्रभारी सीडीपीओ भियांव बलराम सिंह ने बताया कि अतिकुपोषित बच्चों को इस श्रेणी से बाहर निकालने के लिए जिला अस्पताल भरेफर कर दिया गया है। जिन बच्चों का वजन नहीं हो सका है, उनका आगामी 15 दिसंबर को किया जाएगा। 

ब्लॉक में बड़ी संख्या में अतिकुपोषित बच्चों के पाए जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों के लिए चलाई जा रहीं योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। बताते चलें कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों के लिए हाटकुक्ड योजना के साथ साथ पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

हालांकि अक्सर इन योजनाओं का समुचित लाभ बच्चों को न मिलने की शिकायतें सामने आती रहती हैं। इसकी शिकायत भी कई बार संबंधित अधिकारियों से की गई, लेकिन इसे लेकर कभी गंभीरता नहीं दिखाई गई। इसी का नतीजा है कि अतिकुपोषित बच्चों की संख्या कम होने की बजाए लगातार बढ़ती जा रही है।