नई दिल्ली: भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के निदेशक इंजेती श्रीनिवास ने सोमवार को खेल के विकास में कारपोरेट घरानों के योगदान, खासकर संभावित ओलम्पिक पदक विजेताओं को इनके समर्थन पर जोर दिया है। श्रीनिवास ने कहा है कि इस तरह का समर्थन देश में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करता है।
मानव रचना अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में खेल विज्ञान केंद्र का उद्घाटन करने आए श्रीनिवास ने सरकार का रुख दोहराते हुए कहा कि खेल अतिरिक्त गतिविधि नहीं बल्कि मुख्य विषय के तौर पर पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “भारत को खेल में शक्तिशाली देश बनने के लिए हमें अपनी खेल नीति पर विचार करना होगा। अब यह जरूरी है कि निजी संस्थान सरकार के साथ हाथ मिलाकर युवाओं के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएं।”
उन्होंने कहा, “एक तरफ हम खेल को अतिरिक्त गतिविधि के तौर पर देखते हैं और दूसरी तरफ ओलम्पिक में पदक न जीत पाने की शिकायत भी करते हैं।”
रंजन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमारे समय में हमें तैयारी करने के लिए इटली जाना पड़ता था। अभी भी हमारे कई निशानेबाज विदेशों में जाते हैं। अब हमारे पास इटली की वही तकनीक घर में मौजूद है। इसलिए सिर्फ युवा निशानेबाज ही नहीं बल्कि अन्य युवा खिलाड़ी भी इन सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं।”