सोनू पाठक,बलिया : जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है,चुनाव में प्रचार पूरे शवाब पर पहुंच गया है। मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रत्याशियों व समर्थकों ने पूरी शक्ति झोंक दिया है ।सूर्योदय के साथ प्रत्याशी और समर्थक ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं की चौखट पर मत्था टेक वोट की भीख मांग रहे हैं। गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर प्रत्याशी वोट के लिए नित नए हथकंडे अपनाते हुए अपने तरकस का हर तीर आजमाने के लिए कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं । हालांकि मतदाता भी प्रत्याशियों के इस अंदाज और हाव भाव को देख भौचक हैं ।जनसंपर्क के दौरान कहीं-कहीं प्रत्याशियों का बुनियादी समस्याओं को लेकर मतदाताओं के आक्रोश का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन चालाक मतदाता के सामने सिर झुकाए प्रत्याशी सब कुछ सुनने और उन्हें समझा कर उनके सुख -दुख में सहभागी होने का भरोसा दिला समर्थन देने की गुहार में मशगूल है। चुनावी तापमान बढ़ जाने से सुनसान और वीरान रहने वाले गांव और चट्टी चौराहे गुलजार हो गए हैं । चुनाव में गवई राजनीति गरमा गई है। प्रत्याशियों के गुण दोष और समाज सेवा के प्रति समर्पण की भावना को लेकर बहस का दौर जारी है ।चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच त्रिकोणीय संघर्ष माना जा रहा है। इनके अलावा छोटे छोटे दलों समेत अनेकों प्रत्याशी चुनावी वैतरणी पार करने के लिए पूरे दमखम के साथ जुट गए हैं। ऐसे में चुनाव दिनों दिन रोचक बनता जा रहा है।