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कटघरे में थे अरुण जेटली, जेठमलानी ने पूछे 52 चुभते हुए सवाल

डीडीसीए मानहानि मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से जिरह की। जेठमलानी ने जेटली से कुल 52 सवाल पूछे। इनके जवाब देते हुए जेटली कई बार भावुक हो गए। जेटली ने केजरीवाल व अन्य आप नेताओं पर 10 करोड़ का दावा हाईकोर्ट में ठोक रखा है।
 
ramjeth-malani_1488859768हाईकोर्ट रजिस्ट्रार के समक्ष सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने जेटली पर कई सवाल दागे। जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि उन्होंने उनके सम्मान को हुई क्षति को अपूर्णनीय व क्षतिपूर्ति से परे बताया। उन्होंने इस मामले में मानहानि का मुकदमा क्यों दायर किया और क्या इसका कोई लेना-देना उनकी अपने प्रति सम्मान की भावना से है। 

वित्त मंत्री ने इन सवालों के जवाब में कहा कि उनके प्रति पांच दिनों तक बयानबाजी कर झूठे आरोप लगाए गए, जिससे मेरी छवि परिवार, समाज व राजनीति में खराब किया जा सके। इन आरोपों का लगातार पांच दिनों तक मैं खंडन करता रहा। बावजूद इसके यह बयानबाजी बंद नहीं हुई। तब मैंने मानहानि का मुकदमा दायर किया।

जेठमलानी ने आगे कहा कि इन बयानों से जेटली को कोई मौद्रिक नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने मानहानि की कीमत 10 करोड़ लगाई है, जो पूरी तरह गलत है। इसके पीछे कोई विवेकशील निर्णय नहीं है। इसके बाद भी वे कह रहे हैं कि उनकी मानहानि को रुपयों में नहीं आंका जा सकता।

जेटली ने दिया रामजेठमलानी का जवाब 

इन सवालों का जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा कि जो कीमत उन्होंने कोर्ट के समक्ष रखी है, वह उनकी क्षति का केवल एक छोटा सा हिस्सा है। इन आरोपों से उन्हें भारी मानसिक पीड़ा हुई है। उनकी छवि व कद के हिसाब से उनकी जो क्षति हुई है, उसे रुपयों में नहीं आंका जा सकता।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने केजरीवाल समेत छह आप नेताओं पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा ठोका है। जेटली का आरोप है कि केजरीवाल व अन्य नेताओं ने उन पर डीडीसीए अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितता का झूठा आरोप लगाया।

जेटली 2013 तक 13 साल तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे। जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दिसंबर 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का आपराधिक व हाईकोर्ट में दीवानी मुकदमा दायर किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर 2016 को केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए निचली अदालत में मानहानि की शिकायत पर सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने 1 मार्च को केजरीवाल की याचिका खारिज करते हुए जेटली व उनके परिवार के लोगों के बैंक खातों की जानकारी देने से इनकार कर दिया था।