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परिणाम आने के पहले ही सपा-बसपा को मिलाने के लिए सक्रिय हुईं कांग्रेस-जेडीयू

यूपी में पूर्ण बहुमत न मिलने पर सपा के बसपा से हाथ मिलाने की संभावना पर राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यूपी के एक्जि‌ट पोल में भाजपा को बढ़त मिलती देख अब तक धुर विरोधी रहे सपा के अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के सुर बदलते दिखाई दिए। जहां अखिलेश यादव ने इशारों में मायावती से हाथ तक मिलाने की बात कर डाली, वहीं मायावती ने भी सीधे तौर पर इनकार न करते हुए 11 मार्च के बाद उसपर जवाब देने की बात कही। 

‘मोदी के खिलाफ गठबंधन खड़ा करना जरूरी’

नीतिश कुमार की पार्टी जेडीयू के वरिष्ठ नेता, केसी त्यागी ने बताया कि जेडीयू मोदी के खिलाफ बड़ा गठबंधन बनाने के पक्ष में हैं, इसके लिए जरूरी है कि विपक्षी दलों के वोटों का बिखराव रोका जाए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो मोदी को रोकना मुश्किल हो जाएगा।

वहीं सपा नेता नरेश अग्रवाल ने बसपा से गठबंधन पर सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वो भाजपा को यूपी में आने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो बसपा से हाथ मिला लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश ने बसपा या फिर मायावती का नाम नहीं लिया है। इसका उल्टा-सीधा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।