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पंजाब के इस ‘कैप्टन’ ने रोका मोदी का विजय रथ, अब सीएम बनेंगे

कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देख रही भाजपा के सपने को कांग्रेस ने पंजाब में धराशायी कर दिया है। मोदी के विजय रथ का घोड़ा पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रोक दिया है। भाजपा का शिअद संग गठबंधन की मोह ही पंजाब में इतनी बड़ी दुर्गति का कारण बना है। बड़ी वजह यह भी है कि भाजपा ने पंजाब में अन्य राज्यों की तरह पूरी तरह फोकस नहीं किया।
captain-amarinder-singh_1489227748भारतीय जनता पार्टी यहां पूरी तरह मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और स्थानीय नेता भरोसे पर रही। साथ ही शिअद के प्रति जनता के गुस्से का कोपभाजन भाजपा के उम्मीदवारों को भी होना पड़ा।  हालांकि प्रधानमंत्री ने सूबे में फरीदकोट, लुधियाना और जालंधर में तीन बड़ी रैलियां कीं। बावजूद मालवा और दोआब में भाजपा-शिअद गठबंधन को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।  

देश के पांच राज्यों में हुए लोकतंत्र के इस उत्सव में कांग्रेस जहां पंजाब से उदय की तैयारी कर रही है। वहीं भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम चुके नवजोत सिंह सिद्धू कैप्टन के बाद कांग्रेस की नैया के खेवनहार बनने की भूमिका में है। सिद्धू ने साफ कर दिया है कि यह लोगों के आस और विश्वास की जीत है। उन्होंने पंजाब से कांग्रेस के रिवाइवल की घोषणा भी कर दी है। ऐसे में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू का सर्वाइवल भी कांग्रेस के रिवाइवल के साथ ही होगा।

अकाली-भाजपा और ‘आप’ का सपना चकनाचूर

अकाली दल का दामन न छोड़ सकी भाजपा:
पंजाब में अकाली दल के साथ रहकर अपनी साख गिराने का परिणाम भाजपा को भोगना पड़ा है। पड़ोसी राज्य हरियाणा में भाजपा सरकार होने के बावजूद पंजाब में भाजपा सत्ता हासिल नहीं कर सकी। अन्य राज्यों की अपेक्षा भाजपा का फोकस भी पंजाब पर कम रहा है।

लोकसभा सीट पर भी नहीं बची प्रतिष्ठा
पंजाब में अमृतसर लोकसभा सीट पर भी भाजपा अपनी साख नहीं बचा सकी। अरुण जेटली के हारने के बाद दोबारा इस सीट पर कांटे का मुकाबला था। अमित शाह खुद इस सीट पर भाजपा लोकसभा प्रत्याशी के लिए झोली फैलाने आए, लेकिन सीट नहीं निकली।