नई दिल्ली, जेएनएन। नोटबंदी में राजनीतिक पार्टियों को खास तरह की छूट दिए जाने पर टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, नियम हर किसी के लिए एक ही होना चाहिए। अगर 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट आम लोगों के लिए अवैध हैं तो फिर वे राजनीतिक दलों के लिए वैध कैसे हो सकते हैं। क्या इसके पीछे कुछ और मंशा है?
ममता बनर्जी ने कहा, ‘यह बहुत ही दुखद है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की ओर से भ्रामक बातें सामने आ रही हैं।’ उन्होंने कहा, इन भ्रामक वकतव्यों के सामने आने का समय भी दर्शाता है कि इसके पीछे कोई अन्य मंशा है। उन्हें यह साफ करना चाहिए कि नोटबंदी का मतलब हर किसी के लिए एक ही होना चाहिए, हर किसी के लिए नियम एक ही हो।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘क्या इस तरह की बात कहकर वे किसी एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं को कुछ गुप्त संदेश दे रहे हैं?’ ऐसी भ्रामक और बहकानेवाली बातें क्यों? उन्हें इस पर सफाई देनी चाहिए।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सरकार की ओर से गया कि राजनीतिक दलों के खाते में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों में जमा राशि पर आयकर नहीं लगेगा। राजस्व सचिव अधिया ने कहा कि आयकर कानून 1961 की धारा 13ए के तहत राजनीतिक दलों को उनकी आय पर कर से छूट प्राप्त है. उनकी यह आय आवास संपत्ति, अन्य स्रोतों, पूंजीगत लाभ और किसी व्यक्ति की ओर से स्वैच्छिक योगदान से हो सकती है।