देश भर में करीब 10 लाख मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के खिलाफ लामबंद हो गई हैं। इसके लिए संघ की मुस्लिम शाखा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) की तरफ से एक याचिका पर अपने हस्ताक्षर किए हैं।
यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी भी सारे राजनीतिक दल भाजपा की जीत में मुस्लिम महिलाओं का बहुत बड़ा हाथ मान रहे हैं।
इंद्रेश कुमार के संयोजन में हो रहे हैं हस्ताक्षर
इस हस्ताक्षर अभियान का संयोजन संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार कर रहे हैं जो कि एमआरएम के मुख्य संयोजक भी हैं। इंद्रेश कुमार काफी लंबे समय से तीन तलाक का मुद्दा उठा रहे हैं और वो चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों के साथ बहस हो।
एमआरएम ने कहा कि मुसलमानों के साथ-साथ इससे जुड़े अन्य पक्षों के साथ सरकार की तरफ से भी दिक्कत है, जिसको सुलझाने के लिए बहस होना जरूरी है।
तीन तलाक की वजह से जीते यूपी, बीजेपी का मानना
बीजेपी का मानना है कि यूपी में जो उसको जीत मिली है, उसमें तीन तलाक के मुद्दे पर उसका खिलाफ रहने का रुख ही है। पार्टी के सचिव और इलाहाबाद पश्चिम से विधायक चुने गए सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा ने जो चुनाव जीता है उसके तीन प्रमुख कारण हैं, जिनमें तीन तलाक की मुद्दा भी शामिल है।
इसके अलावा उज्जवला योजना, जिसमें गरीब महिलाओं को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन और घरों में शौचालयों का बनना जिससे महिलाएं काफी खुश हैं।
एमआरएम ने कहा मुस्लिम धर्मगुरु न बनाए इसको धार्मिक मुद्दा
एमआरएम ने मुस्लिम धर्मगुरु से कहा कि वो तीन तलाक को धार्मिक मुद्दा बनाने से बचे, क्योंकि यह एक सामाजिक समस्या है। एमआरएम के राष्ट्रीय कोर्डिनेटर मोहम्मद अफजल ने कहा कि मुसलमानों ने भाजपा को वोट दिया है और यह भी एक उपलब्धि है कि देवबंद जैसे मुस्लिम बहुल इलाके में भाजपा जीत गई है।
इससे साबित होता है कि मुस्लिम धर्म के उलेमा और मौलाना भी अपने समाज की महिलाओं की आवाज को सुने। यह तब हुआ जब भाजपा ने एक भी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था।