सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अयोध्या विवादित ढांचा मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि बातचीत से ये विवाद सुलझे तो अच्छा है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए जज भी आगे आने को तैयार हैं। कोर्ट ने कहा कि जरूरत पड़ी तो जज भी मध्यस्थता करने को तैयार हैं।
शीर्ष न्यायालय ने कहा कि अगर दोनों पक्ष बातचीत के जरिए इस मामले को नहीं सुलझा पाएंगे तो कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि ये मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है। इसलिए बातचीत के जरिए इस मामले को सुलझा जाए।
कोर्ट में केस लड़ रहे बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी से कोर्ट ने कहा है कि वे कोर्ट के बाहर इस मुद्दे को बातचीत से हल करने की कोशिश करें। बता दें कि स्वामी ने कोर्ट से मांग की थी कि संवेदनशील मामला होने के नाते इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सुनवाई हो।
वहीं, कोर्ट ने स्वामी ने कहा कि इस मुद्दे को 31 मार्च या उससे पहले उसके सामने रखे। वहीं, स्वामी ने कहा कि राम का जन्म जहां हुआ था, वह जगह नहीं बदली जा सकती। नमाज कहीं भी पढ़ी जा सकती है।