मंदिर हो या मस्जिद अरगबत्ती की महक इन धर्मस्थलों को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर देते हैं। लेकिन अगरबत्ती को जलाने के भी नियम होते हैं।
यह नियम अमूमन शास्त्रों में वर्णित नहीं, लेकिन सदियों से हमारे पूर्वजों ने विद्वानों ने नियम तय किए हैं! यह नियम शायद इसलिए बनाए गए होंगे क्योंकि यह वैज्ञानिक रूप से भी काफी सही साबित होते हैं।
जैसे कि…
– यह एक धार्मिक मत हो सकता है कि मंदिर में अगरबत्ती को जलाते समय वहां मौजूद दिए से नहीं जलाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसे करना पर आपके घर बीमारियों का घर बन सकता है।
-कभी भी फूंक मारकर अगरबत्ती को नहीं बुझाना चाहिए। पौराणिक मत के अनुसार ऐसा करने पर माता लक्ष्मी घर से चली जाती हैं।
– कहते हैं दीये से अगरबत्ती जलाने से घर में दरिद्रता का वास होता है। यह सदियों से माना जा रहा है।
– घर में जब पूजा हो चुकी हो, तो अगरबत्ती के लिए अपनी जगह एक गोल चक्कर लगाना चाहिए। ऐसा करने पर सभी दसों दिशाओं में अगरबत्ती का आध्यात्मिक धुंआ फैल जाता है। जोकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।