राजस्थान विधानसभा में रात भर चली बहस के बाद सिंचाई की अनुदान मांगों को पारित किया गया. देर रात 3.15 बजे सिंचाई की अनुदान मांगें पारित कर दी गई. बजट सत्र में पहली बार रात 3 बजकर 27 मिनट तक लगातार 16 घंटे 27 मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही चली.
अनुदान की बाकी बची मांगों को मुखबंद का प्रयोग कर पारित करवाया गया. सिंचाई की अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देते हुए सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप ने बनास नदी पर एक और बांध बनाने की घोषणा की.
सिंचाई मंत्री ने कहा कि साबरमती बेसिन से जवाई बांध में पानी डायवर्ट करने की डीपीआर 3 माह में तैयार हो जाएगी. 13 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर आने वाले साल में काम शुरू होगा. 9661 करोड़ रुपए की नई योजनाएं हाथ में ली जाएंगी, 1340 करोड़ के नए काम होंगे. 330 करोड़ से खालों का निर्माण होगा. मंत्री ने नहर क्षेत्र के घोड़ा पुलों की मरम्म्त की घोषणा की.
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा परवन परियोजना को धरातल पर नहीं लाया गया और आनन-फानन में 2013 में परियोजना स्वीकृत की गई, जबकि वन विभाग से प्रथम स्तरीय स्वीकृति के पश्चात कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई और न ही परियोजना का कार्य प्रारम्भ हुआ. उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार द्वारा इस परियोजना को शुरू करने का अहम कार्य हाथ में लिया गया है.
उन्होंने कहा कि सेम की समस्या के निदान के लिए 22 करोड़ रुपए के कार्यों के टेंडर जारी किए जा रहे हैं. इसके अलावा मंत्री रामप्रताप ने विविध सिंचाई परियोजनाओं से जुड़ी प्रगति की जानकारी भी सदन को दी. उन्होंने 9507 करोड़ रुपए के कार्यों की विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार जानकारी दी.