राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा है कि केंद्र में भाजपा सरकार बनने के लगभग तीन वर्ष बाद भी पार्टी ने अपने वायदों को पूरा न कर वायदाखिलाफी की है। साथ ही उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व पार्टी नेता सुनील बंसल को निषाद, कश्यप, बिंद, मछुआरा समुदाय का कट्टर विरोधी बताया और केंद्र सरकार से स्वतंत्र मत्स्य मंत्रालय तथा राष्ट्रीय मत्स्यिकीय विकास बोर्ड बनाने की मांग की।
निषाद ने कहा, “देश में 22 करोड़ से अधिक निषाद-मछुआरा जातियों की आबादी है। यह सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, व्यावसायिक व राजनैतिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ समाज है। भाजपा साजिश के तहत निषाद मछुआरा समाज को राजनैतिक रूप से पीछे करने का काम करती आ रही है।”
उन्होंने कहा कि तत्कालीन केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री सीताराम केसरी ने 1992 में कल्याण सरकार से निषाद (मछुआरा) समुदाय की मल्लाह, केवट, बिंद, धीवर, कहार, गोडिया, तुरहा आदि को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए संस्तुति मांगी, लेकिन कल्याण सिंह ने संस्तुति नहीं दी।