दिल्ली पुलिस ने लगभग 300 करोड़ रुपए की रकम कारों के किराए पर खर्च कर दी है. वो भी सिर्फ 400 कारों के किराए पर. साथ ही 37 करोड़ बसेस और मिनी बसेस का किराया भरा है. इतने में तो ढाई-से तीन हज़ार कारें खरीदी जा सकती थी. या फिर 50 करोड़ में चार सौ कारें खरीद कर बाकी के पैसे और जगह इस्तेमाल किए जा सकते थे. लेकिन ये हो न सका!
दिल्ली पुलिस ने जनवरी 2010 से मार्च 2016 के बीच 350 जिप्सीज़ और 50 एसयूवी कारों के लिए 295.66 करोड़ का किराया अदा किया. इसके अलावा 37.22 करोड़ की रकम बसें और मिनी बसों के किराए में दी गई. जबकि वो चाहती तो आराम से ढेर सारी कारें खुद खरीद सकती थी. ऐसे में ये सवाल उठता है कि क्यों दिल्ली पुलिस ने अपनी गाड़ियां खरीदने की जगह किराए में ढेर सारे पैसे देना कबूल किया?
इस बारे में पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि वो इस पर टिप्पणी करने के अधिकारी नहीं हैं.