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उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार के मामले में उठाएगी ठोस कदम : सीएम रावत

देहरादून। उत्तराखंड की नई सरकार ने हाल ही में एक महीने का कार्यकाल पूरा किया है। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कैंट रोड स्थित आवास में मीडिया कर्मियों से हुई अनौपचारिक बातचीत में कहा कि अब राज्य में भ्रष्टाचार के मामले में दोषियों को किसी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। रावत ने यहां पर भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस का संकल्प भी दोहराया।

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उत्तराखंड सरकार ट्रिपल तलाक मामले में पीड़िता की करेगी कानूनी सहायता

पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अभी भीं 1.23 लाख परिवार बिजली से वंचित हैं। सरकार जल्द ही विद्युत व सोलर एनर्जी के जरिये इन परिवारों तक बिजली पहुंचाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अब सरकार रजिस्ट्री में धोखाधड़ी को रोकने की भी पुख्ता व्यवस्था करेगी।

सीएम रावत ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2017 तक राज्य के सभी घरों तक बिजली पहुंचाना है। इतना ही नहीं, रावत ने उच्च शिक्षा की बात करते हुए कहा कि अभी उत्तराखंड में साक्षरता दर 89 प्रतिशत है। राज्य सरकार वर्ष 2019 तक पूरे प्रदेश को 100 प्रतिशत साक्षर बनाना चाहती है।

राज्य में अपने एक महीने के कार्यकाल पूरे होने पर सीएम रावत ने तत्कालीन रजिस्ट्रार मृत्युंजय मिश्रा के बारे में कहा कि अगर मिश्रा के खिलाफ कोई एफिडेविट पर शिकायत लिखकर कर देगा तो वे हाईकोर्ट के जज से इस मामले की जांच कराएंगे।

ट्रिपल तलाक पर बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह न सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि अमानवीय भी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसी भी कीमत पर इसका समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में पीड़िता की हर मुमकिन व कानूनी सहायता की जाएगी।