अमित पाठक ने बताया कि लोगों से पैसे के सापेक्ष 5 से 10 प्रतिशत तक कम पेट्रोल या डीजल दिया जा रहा है। इससे औसत बिक्री वाले पेट्रोल पंपों पर छह से सात लाख रुपये और अच्छी बिक्री वाले पेट्रोल पंपों पर 12 से 15 लाख रुपये तक की तेल की चोरी की जा रही है। पेट्रोल के स्टॉक रजिस्टर में उपलब्ध तेल अधिक पाया गया। कुछ स्थानों पर डिप नापने वाले मेजरिंग राड के कैलिब्रेशन में भी छेड़छाड़ सामने आई ताकि टैंक में उपलब्ध अतिरिक्त तेल नापने पर पकड़ में न आए।
राजेंद्र- बबुरिहा, कुर्सी, बाराबंकी।
शरद चंद्र वैश्य- पुराना किला हुसैनगंज, लखनऊ।
विजेंद्र सिंह भदौरिया- इंदिरानगर, लखनऊ।
अशोक कुमार पाल- ठाकुरगंज लखनऊ।
राकेश कुमार- बीकेटी, लखनऊ।
दुर्गेश कुमार- सतरिख बाराबंकी।
प्रेम कुमार ओझो- मड़ियांव लखनऊ।
गोविंद पांडेय- पुरवा, कुमारगंज फैजाबाद।
डाल कुमार ओझा- इनायत नगर, फैजाबाद।
कमलेश- रहुखेड़ा, संडीला हरदोई।
अमन मित्तल- हुसैनगंज, लखनऊ।
अनूप मित्तल- हुसैनगंज, लखनऊ।
बबलू मिश्रा- नवबस्ता, बाजार खाला, लखनऊ।
अर्जुन लाल- माल एवेन्यू, गौतमपल्ली, लखनऊ।
अखिलेश कुमार दीक्षित- सनातन नगर, चिनहट लखनऊ।
विनोद सिन्हा- आदर्श पुरम, अलीगंज, लखनऊ।
देवेंद्र सिंह रावत- तेलीबाग, एसजीपीजीआई, लखनऊ।
मातादीन- रामनगर, रौनाही, फैजाबाद।
आनंद कुमार राय- विराम खंड, गोमतीनगर, लखनऊ।
हसीब अहमद- महबूबगंज, सआदतगंज, लखनऊ।
चंदन कुमार- खानीपुर, अटरिया, सीतापुर।
मोहित सिंह यादव- डालीगंज, हसनगंज, लखनऊ।
इन पेट्रोल पंपों पर पड़ा था छापा
लालता प्रसाद वैश्य एंड संस- मेडिकल कालेज चौराहा
शिव नारायण एंड संस- कैंट
ब्रिज ऑटो केयर-समता मूलक चौराहा
मान फीलिंग स्टेशन-गल्ला मंडी, सीतापुर रोड।
स्टैंडर्ड फ्युल सेंटर- मड़ियांव
साकेत फीलिंग स्टेशन- कमता
धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज
– इन सभी के खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में यूपी हाई स्पीड डीजल ऑयल आदेश 1981, विधिक माप विज्ञान अधिनियम 2009 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के प्रावधानों के साथ आईपीसी की धारा 265, 267 एवं 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
एसआईटी करेगी पेट्रोल चोरी की जांच
डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा है कि पेट्रोल पंप पर तेल चोरी संगठित अपराध की तरह की जा रही थी। इस मामले की जांच एसआईटी से कराई जाएगी और संगठित अपराध की तफ्तीश अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों और तकनीकी एक्सपर्ट की टीम से कराई जाएगी। डीजीपी ने कहा कि एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है। इसलिए मजिस्ट्रेट की मदद से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।