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बड़ा खुलासा: जाकिर नाइक के सहयोगी ने कबूला, जमा कराए गए 149 करोड़ रुपये

इस्लाम प्रचारक जाकिर नाइक के सहयोगी और करीबी आमिर अब्दुल मन्नान गजदार को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। गाजदार को नाइक की इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के मनी लॉन्ड्रिंग के तहत गिरफ्तार किया गया है। गाजदार ने नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को दिए बयान में कहा कि नाइक ने मैनेजर असलम कुरैशी ने अगस्त से अक्तूबर के बीच उन्हें 149 करोड़ रुपये सुरक्षित रखने के लिए दिए।
एनआईए को दिए बयान के अनुसार, नाइक छोटी कंपनियों और ट्रस्ट के बड़ा पैसा बनाते थे और उसके इंटरनेट के जरिए भेजा करते थे। गाजदार नाइक के करीबी बने और फिर उन्हें भी उनके और उनकी पत्नी फरहात के नाम पर बड़ी रकम दी जाने लगी। साथ ही नाइक की बहन नियाला ने बताया कि उन्हें 2013-14 से लेकर 2016-17 की बीच 29 करोड़ रुपए का लोन दिया गया।

नाइक के लिए ब्लैंक चेक साइन किए: गाजदार

गाजदार ने बताया कि वो 2003 में वो अपने बेटे के स्कूल में दाखिले के सिलसिल में पहली बार नाइक से मिले। इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हो गई। इस दौरान गाजदार ने दो प्रॉपर्टी के लिए कमीशन लेने से इंकार कर दिया। 2005 में नाइक ने उन्हें अपनी मीडिया कंपनी में पार्टनर बनने के लिए कहा, जिसके लिए वो राजी हो गए। कंपनी की फंडिंग दुबई से होती थी।
गाजदार ने कहा कि वो नियमित तौर पर ब्लैंक चेक साइन किया करते थे। इसके अलावा नाइक की कंपनियों का आयकर भी भरा करते थे। नाइक उन्ही के पास अपनी कैश जमा कराया करते थे। इस दौरान उन्होंने 41.5 लाख रुपये का लोन लॉन्गलास्ट और 2.35 करोड़ रुपये का लोन हार्मनी मीडिया को दिया था। साथ ही मार्बल फैक्ट्री लगाने के लिए नाइक के माता-पिता और पत्नी ने उन्हें 8.35 करोड़ रुपये का कर्ज दिया।

हालांकि, गाजदार ने बताया कि यह फैक्ट्री कभी शुरू ही नहीं हुई। नियाला ने भी नियमित रूप से ब्लैंक चेक साइन करने की बात कबूली।