सात दक्षिण एशियाई क्षेत्र के देशों में संचार को बेहतर करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दक्षिण एशियाई संचार उपग्रह जीसैट-9 के प्रक्षेपण के 28 घंटे की उल्टी गिनती बृहस्पतिवार को शुरू हो गई। इस योजना में पाकिस्तान के शामिल ना होने के कारण उसे इस उपग्रह के प्रक्षेपण से कोई लाभ नहीं मिलेगा।
इस भू-स्थिर संचार उपग्रह को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने बनाया है। इसरो इसे शुक्रवार को श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित करेगा। आठ सार्क देशों में से सात देश इस योजना का हिस्सा हैं। वहीं पाकिस्तान ने यह कहते हुए इस योजना से बाहर रहने का फैसला किया कि उसके पास अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है।
जीसैट-9 भारत की तरफ से पड़ोसी दक्षिण एशियाई देशों के लिए एक तोहफे की तरह है। वहीं पाकिस्तान के इस योजना से बाहर रहने के कारण उसे इस प्रक्षेपण से कोई फायदा नहीं मिलेगा। इस उपग्रह को अंतरिक्ष एजेंसी स्वेदशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज के साथ अपने रॉकेट जीएसएलवी-एफ 09 से प्रक्षेपित करेगी। 235 करोड़ के इस मिशन का समयकाल 12 वर्ष का है।
इस उपग्रह का उद्देश्य दक्षिण एशियाई क्षेत्र के देशों के बीच सूचनाएं उपलब्ध कराना और आपदा प्रबंधन को मजबूत करना है। साथ ही इस उपग्रह से प्रत्येक देश को डीटीएच, वीसैट क्षमता और आपदा सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार ने कहा कि उपग्रह का परीक्षण शाम के 4:57 बजे किया जाएगा।