सूत्रों के मुताबिक इंटरपोल के 10 महीने की लंबी जांच के बाद नाइक के खिलाफ संपर्क किया गया था, जिसके दौरान उनके खिलाफ सभी आरोप साबित हुए हैं और उनकी गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और पीस टीवी को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है।
बता दें कि नाईक के खिलाफ पिछले साल गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। जाकिर नाईक तब सुर्खियों में आए थे, जब खुलासा हुआ कि ढाका के चर्चित कैफे पर हमला करने वाले आतंकियों में दो उसके भाषणों से प्रेरित हुए थे। ढाका हमले के बाद एनआईए ने नाइक और उसके संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
गृह मंत्रालय पहले ही गैर कानूनी गतिविधयां (निरोधक) अधिनियम के तहत जाकिर नाईक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा चुकी है। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी है।
बांग्लादेश के ढाका में आतंकवादी हमले में 20 लोगों को मौत हो गई थी। जिसके बाद नाईक गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत छोड़कर चले गये थे। अब एनआईए ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल और सीबीआई को पत्र लिखा है।