एक बड़े साइबर अटैक में ब्रिटेन, तुर्की, वियतना फीलीपींस, रूस और जापान समेत दुनिया के करीब 100 देशों के अरबों कम्प्यूटरों को हैक कर लिया गया है। सभी देशों के कम्प्यूटर सिस्टमों को रैनसमवेयर नामक मैलवेयर से हैक किया गया है। ये मैलवेयर कम्प्यूटर डाटा को एनक्रिप्ट करके लॉक कर देता है और यूजर को संदेश दिखाता है कि 300 डॉलर देने पर ही वो दोबारा अपना सिस्टिम यूज कर पाएंगे। इस वायरस ने ब्रिटेन के पब्लिक हेल्थ सिस्टम को हैक कर लिया है। ब्रिटेन के डॉक्टर अपनी मरीजों की ऑनलाइन उपलब्ध फाइलें नहीं देख पा रहे हैं। ब्रिटने के अस्पतालों के इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को अन्य जगहों पर स्थानांतरित करना पड़ रहा है।
कम्प्यूटर विशेषज्ञों के अनुसार हैकरों ने अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) द्वारा खोजे गए एक सुरक्षा खामी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हैकर किट टूल को खुद को शैडो ब्रोकर्स कहने वाले एक हैकर समूह ने जारी किया है। ये हैकर पिछले साल से ही एनएसए के हैकिंग टूल को डंप कर रहे थे। पिछले साल मार्च में माइक्रोसॉफ्ट ने इस हैकिंग टूल से बचने के लिए अपडेट जारी किया था लेकिन हैकरों ने इस बात का फायदा उठाया कि ब्रिटेन के हेल्थ सिस्टम की तरह बहुतों ने अपने सिस्टिम को अपडेट नहीं किया था।
ये मैलवेयर एक एनक्रिप्टेड कम्प्रेस्ड फाइल के रूप में ईमेल से भेजा गया। टारगटे कम्प्यूटर पर एक बार इंस्टाल होने के बाद रैनसमवेयर आसानी से टारगेट कम्प्यूटर को निशाना बना लेता है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के कर्मचारियों को शनिवार सुबह ही इस मैलवेयर के प्रति अगाह किया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
मैलवेयरहंटर टीम के अनुसार इस साइबर हमले में यूरोप, एशिया, रूस और अन्य देशों के कई अस्पताल और टेलीकम्युनिकेश सिस्टम प्रभावित हुए हैं। इस हमले में स्पेन के टेलेफोनिका और रूस के मेगाफोन भी प्रभावित हुए हैं।