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आउट आॅफ बाॅक्स’ सोच के साथ कार्यसंस्कृति में बदलाव जरूरी, माॅर्डनाइजेशन के लिए हमेशा तैयार रहें : गडकरी

केन्द्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंडियन रोड्स कांग्रेस (आईआरसी) की 212वीं मिडटर्म काउंसिल बैठक का आज औपचारिक उद्घाटन किया. दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक में रोड सेफ्टी, रोड निर्माण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग और वेस्ट मेटैरियल के उपयोग को लेकर मंथन किया जा रहा है.

गडकरी ने समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में इंजीनियों को जमकर निशाने पर लिया. गडकरी ने इंजीनियों की क्लस लेते हुए साफ किया कि सड़क हादसों का जिम्मेदार इंजीनियरों को माना जाना चाहिये, क्योंकि वे वैज्ञानिक और आधुनिक तथ्यों का इस्तेमाल किए बिना लापरवाही और निज स्वार्थ से सड़क का खांका तैयार करते हैं.
उन्होंने कहा कि देश में अधिकतर सड़क हादसे सड़क की खराब डिजाइन के कारण होती है. कहीं-कहीं सड़क की डिजाइन ऐसी है कि तेज गति से आ रहा चालक भ्रमित हो जाता है.
श्री गड़करी शुक्रवार को उदयपुर के होटल रेेडिसन ब्लू में इंडियन रोड कांग्रेस की दो दिवसीय 212वीं मिड टर्म बैठक के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। श्री गडकरी ने कहा कि कई बार होने लायक निर्माण कार्य भी नेगेटिव सोच के कारण नौकरशाही या अभियंताओं द्वारा या तो हाथ में ही नहीं लिए जाते या रोक दिए जाते हैं, यह स्थिति बदलनी होगी, अब केवल समस्या बताना नहीं चलेगा बल्कि उसके समाधान की बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि अमरीका, यूके, जर्मनी जैसे देशों और विश्वभर में सड़क, पुल एवं अन्य निर्माण क्षेत्र की अच्छी सफल तकनीकों, उनके स्टेण्डर्ड्स को भारत में भी अपनाना चाहिए और उनसे सम्बन्धित आईआरसी कोड हमारे परिवेश के अनुसार विकसित किए जाने चाहिए। यह पाश्चात्यीकरण नहीं है बल्कि माॅर्डनाइजेशन है और हमें माॅर्डनाइजेशन के लिए हमेशा तैयार रहना होगा।

श्री गडकरी ने कहा कि राजस्थान में अभियंताओं को पुल निर्माण के साथ ही छोटे बांध बनाकर पानी को रोकने की दिशा में प्रयास करने चाहिए। उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में नदियों को जोड़ने और सरकार द्वारा किए जा रहे अन्य प्रयासों की जानकारी दी।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब निर्माण कार्यों की लागत में कमी लाने की दिशा में भी अभियंताओं और आईआरसी को मंथन करना होगा। निर्माण में यथा संभव प्रीकास्ट तकनीक को अनिवार्य किया जाना चाहिए। राजस्थान में बड़ी संख्या में आरओबी बनाए जा रहे हैं। इन निर्माण कार्यों में एक स्थान पर प्रीकास्ट तकनीक से निर्माण सामग्री तैयार करने से जहां निर्माण लागत में 25 प्रतिशत तक कमी आएगी प्रदूषण भी कम होगा।   राज्यांें से क्षेत्रीय सैण्ड, माइनिंग एवं अन्य माध्यमों से मिलने वाले वेस्ट पदार्थ के उपयोग से सड़क निर्माण की लागत कम होगी, स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग डिजाइन से स्टील की कीमत मेें कमी लाई जा सकेगी और सीमेण्ट लागत में कमी जैसे उपायों से पूरे निर्माण को काॅस्ट इफेक्टिव बनाया जा सकेगा।

श्री गडकरी ने कहा कि सड़क या निर्माण परियोजना की त्रुटिपूर्ण डीपीआर बनाने वाले अभिंयता या संवेदक की भी जिम्मेदारी तय होगी। उन्होनंे कहा कि आज त्रुटिपूर्ण सड़कों के कारण भी बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है। सड़कों पर रोड साइनेज, क्रेश बेरियर, अन्य सुरक्षा उपायों में कमी नहीं होनी चाहिए। पेड़ काटने को हत्या समान बताते हुए श्री गडकरी ने कहा पेड़ांे का यथा संभव ट्रांसप्लांटेशन करना चाहिए और अगर काटना ही हो तो एक पेड़ काटने वाले को 10 पेड़ लगाने का प्रावधान रहना चाहिए। उन्होंने बरसात के मौसम में अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने को कहा। श्री गडकरी ने कहा कि जयपुर में रिंग रोड के निर्माण का कार्य रुका पड़ा था लेकिन अब कुछ ही समय में इसका टेण्डर निकलेगा और अगले दो माह मंे कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
गडकरी के साथ कार्यक्रम में प्रदेश के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, युनुस खान और सांसद अर्जुनलाल मीणा भी मौजुद रहे

नई टेक्नोलॉजी लाए, लाभ कमाएं

श्री गडकरी ने कहा मुम्बई आईआईटी प्रमुख की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी। कोई भी अभियंता, संवेदक या अन्य उद्यमी निर्माण लागत में कमी के लिए कोई नवाचार, नई तकनीक लेकर आता है तो वह प्रस्ताव इस कमेटी को भेजा जाएगा।कमेटी द्वारा अप्रूव्ड होने पर उस परियोजना को जल्द से जल्द स्वीकृति दे दी जाएगी और अगर  इससे परियोजना में लागत में कमी होती है तो लाभ भी उसी को दे दिया जाएगा। इससे अच्छे नवाचारों के प्रसार में मदद मिलेगी।

इसके बाद नितिन गडकरी यूसीसीआई में रोड एण्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट विद इकोनॉमिक ग्रोथ आॅफ राजस्थान विषय पर परिचर्चा में भी भाग लिया.  यूसीसीआई में आयोजित कार्यक्रम में गडकरी ने जीएसटी की जमकर तारिफ की और इसे व्यापारियों के लिये फायदेमंद बताया.

केन्द्रीय मंत्री ने इंजीनियरों, उद्योगपतियों और अधिकारियों को भ्रष्टाचार के नाम पर भी जमकर खरी खोटी सुनाई.