शिक्षा मित्रों का समायोजन रद होने के बाद गुरुवार को बनारस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र कार्यालय के सामने शिक्षा मित्रों का जमावड़ा शुरू हो गया है। पूर्वांचल से जुड़े जिलों के शिक्षा मित्रों का सुबह से ही आना जारी है। दोपहर 12 बजे तक संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पर करीब तीन हजार की संख्या में शिक्षा मित्र पहुंच चुके हैं। शिक्षा मित्रों के आक्रोश को देखते प्रशासन ने बड़ी संख्या में कार्यालय के सामने फोर्स की तैनाती कर दी है। कई थानों की पुलिस के अलावा पीएसी जवानों को भी तैनात किया गया है। जनसंपर्क कार्यालय के चारो ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है। आंदोलित शिक्षामित्रों में महिलाओं की संख्या बहुतायात है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार शिक्षामित्रों के समायोजन को फिर से बहाल करे ताकि उनके घर में चूल्हा जल सके। उन्होंने याद दिलाया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित रखा जाएगा।
शिक्षामित्र प्रधानमंत्री के कार्यालय जाना चाहते थे लेकिन उन्हें ठीक पहले पुलिस ने रोक दिया। हालांकि शिक्षामित्रों का प्रदर्शन अभी जारी है। उधर, पूर्वांचल समेत सूबे के कई अन्य जिलों में भी शिक्षामित्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
इससे पहले अच्छी शिक्षा के लिए योग्य शिक्षकों की नितांत आवश्यकता बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें दो लगातार नियुक्ति प्रक्रियाओं में शामिल करने का फैसला दिया था।
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार चाहे तो समायोजन प्रक्रिया से पहले दो साल तक के लिए शिक्षामित्रों की सेवा जारी रख सकती है। शीर्ष अदालत ने हालांकि सहायक शिक्षकों के तौर पर उनका समायोजन निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था।