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गोरखपुर केस: ‘अगस्त में होती है मौत’ कहने वाले मंत्री के खिलाफ तहरीर

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई बच्चों की मौत मामले में एक बच्चे के पिता ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन और प्रमुख सचिव के खिलाफ थाने में तहरीर दी है.

गोपालगंज के मोतीपुर एराजी के मैनेजर राजभर के बच्चे की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी. उन्होंने गोरखपुर के गुलरिहा थाना में तहरीर दी है. उधर गुलरिहा थाने की पुलिस का कहना है कि तहरीर की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. 14 अगस्त को दी गई तहरीर में दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है.

मैनेजर राजभर के अनुसार 10 अगस्त को उन्होंने अपने बच्चे को भर्ती कराया था. आॅक्सीजन की कमी के कारण उनके बच्चे की मौत हो गई. लेकिन अस्पताल प्रशासन इस मामले को दबाने में लगा रहा. उनके बच्चे का पोस्टमॉर्टम तक नहीं कराया गया.

उनका आरोप है कि इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्री भी जिम्मेदार हैं क्योंकि आॅक्सीजन सप्लाई बाधित नहीं होती तो उनका बच्चा बच सकता था. ये सीधे-सीधे लापरवाही का मामला बनता है.

 

उन्होंने कहा कि यदि सरकार आक्सीजन आपूर्ति करने वाली फर्म का बकाया चुका देती तो भुगतान की देरी का खामियाजा उन्हें और उनके जैसे तमाम पिताओं को अपने बच्चों का शव उठा कर चुकाना न पड़ता. मैनेजर राजभर ने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के खिलाफ सख्त धाराओं में एफआईआर लिखने की मांग की है.

बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले दिनों 60 से ज्यादा मासूमों की मौत हो गई थी. मामले में आॅक्सीजन की कमी के आरोप लगे थे लेकिन यूपी सरकार ने आॅक्सीजन की कमी से मौत होने के कारण को मानने से इंकार कर दिया है.

सरकार ने मामले में आॅक्सीजन सप्लाई को लेकर जांच बिठाई है. इस प्रकरण में विपक्षी दल खासे आक्रामक दिख रहे हैं. वहीं केंद्र की तरफ से मंत्री जेपी नड्डा की अगुवाई में एक टीम मेडिकल कॉलेज का दौरा कर चुकी है.