एक घर हो सपनों का, ये हरेक इंसान की ख्वाहिश होती है. हालांकि आजकल महंगाई के दौर में अपनी घर बनाना किसी सपने से कम नहीं होता. लेकिन इस सपने को सच कर सकता है होम लोन. हालांकि होम लोन लेने के लिए भी आपको कुछ बातों की बेसिक जानकारी होनी चाहिए जिनसे आपको होमलोन लेते समय बेस्ट डील मिल पाएगी. बैंक भी आसानी से होमलोन नहीं देते बल्की कई तरह की कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद ही होम लोन देने की हामी भरते हैं. तो आपको कैसे और आसानी से होम लोन मिल सके इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो आपको बड़ी आसानी से लोन मिल सकता है. तो जानें होम लोन से जुड़ी कुछ ऐसी ही जरूरी बातें.
होम लोन देने से पहले बैंक यह देखता है कि आपने प्रॉपर्टी कहां से खरीदने की योजना बनाई है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आप पैसे का भुगतान नहीं कर पाएंगे तो बैंक मकान कब्जे में लेकर बेचकर अपना पैसा वापस वसूल सकता है. ऐसी प्रॉपर्टी को बैंक पसंद नहीं करता जिसे वह न बेच सके या खरीदार बहुत ही मुश्किल से मिले. अच्छे जाने-माने बिल्डर से प्रॉपर्टी लेने पर बैंक आपको आसानी से लोन दे पाएगा इसलिए प्रॉपर्टी हमेशा जाने-माने बिल्डर से ही खरीदें.P
आपको लगता है कि होम लोन के लिए आपकी इनकम लिमिट कम है और इसकी वजह से बैंक लोन पास नहीं करेगा तो आप अपने लोन में अन्य किसी व्यक्ति को साथी बना सकते हैं. ये आपकी पत्नी, पिता, भाई या अन्य भरोसे का व्यक्ति हो सकता है जिसके नाम में आप जॉइंट लोन ले सकते हैं. जॉइंट लोन लेने से आपको लोन के रूप में बड़ा अमाउंट मिल सकता है, वहीं टैक्स बेनेफिट भी ज्यादा मिलेगा जिसका फायदा उठाना चाहिए.
बैंक घर की कीमत का 75-85 फीसदी ही लोन देते हैं, बाकी रकम का भुगतान खुद करना होता है. लिहाजा एक घर खरीदने से पहले प्लान करना बहुत ही जरूरी है. घर खरीदने से 2-3 साल पहले इसकी योजना बना लें और हर महीने कुछ रकम इसके लिए जमा करना शुरू कर दें. दूसरी तरफ इसका फायदा यह है कि आपको हर महीने बहुत ही कम ईएमआई का भुगतान करना होगा, ब्याज दर कम लगेगी और कम लोन होने पर जल्दी से लोन अप्रूव हो जाएगा. ज्यादातर बड़े लोन को पास करने में बैंक ज्यादा कड़ी प्रक्रिया अपनाते हैं लेकिन छोटे लोन के लिए प्रोसेसिंग थोड़ी आसान होती है.
एक होम लोन के लिए कई डॉक्यूमेंट्स चाहिए होते हैं. बैंक आपसे प्रोसेसिंग फी चेक, करीब 6 कैंसल्ड चेक और उस अकाउंट के लिए ईसीएस मैनडेट फॉर्म जरूरी है जहां आपकी सैलरी या इनकम क्रेडिट की जाती है. खुद का रोजगार करने वालों से एजूकेशन, क्वॉलिफिकेशन सर्टिफिकेट और बिजनस का सबूत मांगे जा सकते हैं. प्रॉपर्टी से संबंधित डॉक्यूमेंट्स में अलॉटमेंट लेटर या बायर अग्रीमेंट और डिवेलपर को किए गए पेमेंट की रिसीट शामिल होती है. लिहाजा बेहद जरूरी है कि आप सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स रखें ताकि लोन डिलिवरी प्रोसेस तेजी से हो सके और बैंक के पास आपकी होम लोन एप्लीकेशन को पास करना ही पड़े.
आपका क्रेडिट स्कोर खराब होगा तो बैंक आपको लोन देने से इंकार कर सकता है. क्रेडिट कार्ड का पिछला बकाया, पुराना कोई लोन आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब कर सकता है. आपके क्रेडिट कार्ड पर हर बकाया बिल को सिबिल और एक्सपेरियन जैसे क्रेडिट ब्यूरो ट्रैक करते हैं. क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि असुरक्षित लोन का ही प्रकार है और बिल ना चुकाने पर बुरा असर पड़ सकता है. होम लोन के लिए अप्लाई करने से कुछ महीने पहले अपने सभी क्रेडिट कार्ड बिलों का बकाया चुकाकर अपना सिबिल स्कोर एकदम फिट कर लें.

लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने बैंक अकाउंट पर ध्यान दें. इसकी वजह ये है कि लोन मांगने पर बैंक हम से कम से कम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट मांगता है. बैंक हमारे बैंक डिटेल्स की पूरी गहराई से जांच करता है और कोई भी कमी को लाल रंग से दिखाता है. यह किसी बाउंस चेक, ईएमआई का भुगतान नहीं होने आदि का मामला हो सकता है. अगर हम महीने के अंत में आपके बैंक खाते में बहुत ही कम राशि होती है तो भी इसका मतलब यह है कि आपकी महीने की इनकम इतनी कम है कि महीने के अंत होने तक आपकी डिपॉजिट पूंजी ज्यादातर खत्म हो जाती है, ऐसे में आप होम लोन का बोझ बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे. इसलिए बैंक आपके होम लोन की अर्जी को खारिज भी कर सकता है. तो अपने बैंक खाते को सेहतमंद बनाए रखें.
अलग-अलग बैंकों के होम लोन के ब्याज की दरें अलग अलग होती हैं और आप होम लोन लेने से पहले विभिन्न बैंकों के होम लोन की तुलना कर लें. कुछ बैंक फ्लोटिंग रेट पर होम लोन देते हैं और कुछ बैंक फिक्स्ड रेट पर लोन देते हैं. आप कई बैंकों के होमलोन की टर्म्स समझने के बाद ही लोन लें तो बेहतर होगा. अगर आप किसी खास बैंक से ही लोन लेना चाहते हैं लेकिन दूसरा बैंक बेहतर सुविधा ऑफर कर रहा है तो आप उस दूसरे बैंक का उदाहरण देकर नेगोसिएशन कर सकते हैं.