8नवंबर 2016 की वो रात थी, जब पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोटों पर पाबंदी लगा दी थी। नोटबंदी के बाद लोगों को अपने द्वारा जमा किए गए सारे नोटों को बैंको में जमा कराना पड़ा। कुछ लोग कई नोटों को अपने लिए लकी मानते थे, लेकिन जब नोटबंदी हुई तो अपने सारे लकी नोटों से ठीक वैसे ही ब्रेकअप कर लिया जैसे लालू और नीतिश कुमार ने बिहार में किया।
लेकिन अगर नोटबंदी से कोई सबसे ज्यादा निराश हुआ तो वो था सोनम गुप्ता का वो आशिक जिसने सोनम की याद में अपने कई नोटों पर ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ लिखवाया था। सोनम गुप्ता के आशिक ने अपने सारे दोस्तों को भी नोटों पर ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ लिखने को कहा। जब नोटबंदी हुई तो सारे नोटों को बैंको में जमा कर दिया गया। इस बारे में खुफिया रिपोर्टिंग कर रहे कुल्लु भाई ने बताया कि आरबीआई के पास ‘सोनम गुप्ता बेवफा है’ लिख हुए 1000 करोड़ के नोट मिले हैं। कुल्लु भाई ने बताया कि आरबीआई ने नोटों का क्या करेगा, इसकी कोई जानकारी नहीं है।
कई नाटों के बारे में कई लोगों ने कहा कि सरकार को ये नोट जेल में बाबा राम रहीम को दे देने चाहिए। बाबा राम रहीम जेल में बैठकर इन नोटों को गिनते रहेंगे। आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार कुल 15 लाख 44 हजार करोड़ के पुराने नोट बंद हुए थे। बंद किए गए नोटों में से 15 लाख 28 हजार करोड़ की रकम बैंकों में लौटी है। नोटबंदी के बाद पुराने 1,000 रुपये के कुल 632.6 करोड़ नोटों में से 8.9 करोड़ नोट अब तक नहीं लौटे हैं। (इस खबर में कुल्लु भाई की बातों पर भरोसा करना वैसा ही जैसा कि किसी नेता के चुनावी भाषणों पर भरोसा करना। यह एक व्यंग्य है।)