बलिया : योगी सरकार के 10 हजार रुपये मानदेय देने के फैसले से आक्रोशित शिक्षामित्रों ने शनिवार को और भी उग्र तेवर दिखाए। शिक्षामित्रों ने लोनिवि निरीक्षण भवन में भाजपा के तीन सांसद व तीन विधायकों का घेराव कर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।इस बीच बैरिया विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा शिक्षामित्रो की मांगे जायज है।मैं आपलोगो के साथ हूँ।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस की मुस्तैदी के बाद भी शिक्षामित्र पीछे हटने को तैयार नहीं हुए। इस दौरान शिक्षामित्रों ने जिले में आए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के वाहन रोकने का भी हरसंभव प्रयास किया लेकिन वह किसी तरह से निकल लिए।
इस बीच निरीक्षण भवन से किसी तरह बाहर निकले बैरिया के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह भी उनके साथ धरने पर बैठ गए। विधायक ने कहा कि सरकार जब 10 हजार दे सकती है तो 40 हजार क्यों नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि वह पहले शिक्षक हैं, बाद में विधायक। शिक्षामित्रों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी बात को मुख्यमंत्री से मिलकर प्रमुखता से रखेंगे। सूबे के ऊर्जा व जिले के प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा यहां एक सरकारी कार्यक्रम में पहुंचे थे। वहीं, पहले से आंदोलित शिक्षामित्रों ने ऊर्जा मंत्री का विरोध करने का ऐलान किया था। शिक्षामित्रों की चेतावनी से जिला प्रशासन के भी होश उड़े थे और इसको लेकर नगर भर में चाक-चौबंद व्यवस्था की गई थी। शुक्रवार की देर शाम प्रशासनिक अधिकारियों ने शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक पंकज सिंह व सह संयोजक सूर्यप्रकाश यादव इत्यादि से वार्ता कर भरोसा दिलाया था कि 20 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से ऊर्जा मंत्री को मिलवाया जाएगा। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शनिवार को शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पहुंचकर धरना शुरू कर दिया। इसके चलते बीएसए कार्यालय का ताला तीसरे दिन भी नहीं खुला। इसको लेकर अफरातफरी की स्थिति हो गई। उस समय डाक बंगला में ही सांसद भरत ¨सह, सांसद रवींद्र कुशवाहा व सांसद हरिनारायण राजभर तथा तीन विधायक मौजूद थे। शिक्षामित्रों का उग्र तेवर देख प्रशासन का हाथ-पांव फूलने लगा। काफी संख्या में पीएसी व पुलिस के साथ कई थानों के थानाध्यक्ष भी पहुंच गए। कुछ देर बाद बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह शिक्षामित्रों के बीच पहुंचे और शिक्षक होने के नाते उनके धरने में शामिल होते हुए उनकी मांगों को जायज ठहराए।