बांग्लादेशियों को चिह्नित कर रिपोर्ट देने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ पुलिस ने एक डाटा तैयार किया है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक राजधानी में करीब 61 हजार संदिग्ध लोग चिह्नित किए गए हैं, जो आसामी भाषा बोलते हैं। इनमें कितने बांग्लादेशी हैं, इसकी पड़ताल की जा रही है।
एसएसपी का कहना है कि संदिग्ध लोगों की व्यापक संख्या को देखते हुए पुलिस ने सभी से उनके पहचान पत्र मांगे थे। इस दौरान कई लोगों ने आइडी उपलब्ध कराई है। संदिग्धों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए एक टीम असम भेजी गई है। टीम में एक दारोगा और दो कांस्टेबल शामिल हैं। वेरिफिकेशन के लिए पुलिस टीम ने कई दिनों से असम में डेरा डाल रखा है। बताया जा रहा है कि इन संदिग्धों में तमाम ऐसे भी परिवार शामिल हैं, जिनके पास कोई ठोस कागजात नहीं मिले थे। कुछ परिवारों ने खुद को आसामी बताया था। इस पर पुलिस ने उनके मूल निवास का पता नोट किया है, जिससे संबंधित थाने से उनके बारे में जानकारी जुटाई जा सके।
डकैती में भी आया था नाम : गोमती नगर में बीते दिनों हुई डकैती की घटनाओं में भी संदिग्ध बांग्लादेशियों का नाम सामने आया था। पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। हालांकि उन्हें कोई ठोस सफलता नहीं मिली पाई थी। पुलिस ने राजधानी में संदिग्ध बांग्लादेशी डकैतों के सक्रिय होने की आशंका भी जताई थी।
घर के आंगन तक प्रवेश : संदिग्ध लोगों की सूची में शामिल एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो राजधानी की साफ सफाई में अहम योगदान देता है। यही नहीं इन संदिग्धों की पहुंच वीआइपी क्षेत्र से लेकर लोगों के आंगन तक है। यही कारण है कि पुलिस जल्द से जल्द वेरिफिकेशन पूरा कर शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रही है।