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आसाराम को उम्रकैद:शिल्पी थी आसाराम की हनीप्रीत! बच्चियों को भेजती थी आश्रम

आसाराम को एससी/एसटी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा आसाराम के सहयोगी शिल्पी और शरद को 20 साल की सजा सुनाई गई है. आइए आसाराम के फैसले से जुड़ी 10 बड़ी बातों पर नजर डालते हैं.

1. 15 अगस्त 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से रेप किया था. इसके बाद पिछले 4 साल 8 महीने से वह जेल में बंद है.

2. बुधवार को सजा का ऐलान होने से आसाराम ने 6 ग्लास पानी पिया था. जज का फैसला सुनने के बाद आसाराम कोर्ट में सिर पकड़कर रो रहा था.

3. 16 साल की नाबालिग से रेप में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. जज ने सेक्शन 376 (2f) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है.

4. जेल के बाहर हुड़दंग मचा रहे आसाराम के समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया.

5. जेल में दोषी करार दिए जाने से पहले आसाराम की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. इसे देखते हुए जेल में एक एंबुलेंस बुलवाई गई थी.

6. सजा का ऐलान होने से पहले जेल में ‘हरि ओम’ का जाप कर रहा है आसाराम

7. जोधपुर सेंट्रल जेल को जाने वाली दोनों सड़कों को सुरक्षा की दृष्टि से सील कर दिया गया था. जेल के आसपास मीडियाकर्मियों को छोड़कर किसी को भी जाने की इजाजत नहीं थी. ड्रोन कैमरों के जरिए जेल के बाहर नजर रखी जा रही है.

8. फैसले को ध्यान में रखते हुए यूपी के शाहजहांपुर में पीड़ित लड़की के घर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. यहां दो पुलिसकर्मियों की ड्यूटी बढ़ा दी गई है.

9. 77 साल के आसाराम के देश-विदेश में 400 से अधिक आश्रम हैं. आसाराम की संपत्ति 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा होने का अनुमान है. दावा किया जाता है कि आसाराम के 4 करोड़ से अधिक समर्थक हैं

10. आसाराम को सजा मिलने से पहले बुधवार सुबह देश भर में आसाराम के आश्रमों में उसके भक्त उसकी सलामती के लिए पूजा-पाठ और प्रार्थना कर रहे थे.

शिल्पी की फ़ाइल् फ़ोटो

स्पेशल एससी/एसटी कोर्ट ने बुधवार को रेप केस में आसाराम को दोषी ठहराया. 2013 के इस मामले में आसाराम के अलावा दो अन्य भी दोषी साबित हुए हैं. इनमें आसाराम की सहयोगी शिल्पी भी है, जिसने पीड़ित के परिजनों को यह मानने पर मजबूर किया था कि उसपर बुरी आत्मा का साया है. शिल्पी के समझाने के बाद ही पीड़ित के घरवालों ने उसे जोधपुर आश्रम भेजा था. बाद में इसी नाबालिग पीड़िता ने आसाराम पर रेप का आरोप लगाया था.

बता दें कि शिल्पी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा आश्रम की वार्डन थी. कॉल डिटेल्स में सामने आया कि शिल्पी, आसाराम के और पीड़िता के परिवार से संपर्क में लगातार थी. लड़की के बलात्कार से एक हफ्ते पहले आसाराम और शिल्पी के बीच होने वाली बातचीत का सिलसिला बढ़ गया था. पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि शिल्पी ब्रेनवॉश करके लड़कियों को आश्रम भेजती थी.

यह भी कहा गया कि शिल्पी और आश्रम का मध्यस्थ शिवा उस दिन आश्रम में ही था, जब बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ.

तो शिल्पी कौन है? रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसका असली नाम संचिता है और उसका पूरा परिवार आश्रम में सेवा करता था. वे ही उसे आसाराम के आश्रम ले जाते थे.साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री ले चुकी शिल्पी 2005 में अहमदाबाद आश्रम में शामिल हुई थी. 2012 में उसने अपने परिजनों से कहा था कि उसे आश्रम का जीवन अच्छा लग रहा है.

सरेंडर के दौरान चर्चा यह भी थी कि शिल्पी आसाराम की बेटी है. हालांकि, इसकी पुष्टि कभी नहीं हो सकी.